उन्नाव| जिले के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में छात्रों से उगाही सिलसिला कई वर्षों से जारी है। मेडिकल के छात्र-छात्राओं को फेल करने की धमकी, प्रवेश पत्र रोकने, आंतरिक परीक्षा में नंबर कम देने की धमकी देकर लाखों रुपये की उगाही की जाती रही है।
उगाही के लिए छात्रों के उत्पीड़न को लेकर सरस्वती मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में है। कॉलेज प्रबंधन में शामिल कुछ लोगों और डॉक्टरों ने छात्रों का उत्पीड़न कर कमाई का जरिया बना लिया। इस बार मामला 16 छात्रों के इंटरनल एग्जाम में कम नंबर अपलोड कर फेल कराने का है।
मामले की राज्यपाल से शिकायत के बाद छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के वाइस चांसलर स्तर से जांच कराई जा रही है। मालूम हो कि कानपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध सोहरामऊ स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्रों ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से कम मूल्यांकन की शिकायत की थी।
भूलवश अंक चार्ट में कम नंबर दर्ज हो गए
राज्यपाल ने कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को जांच के निर्देश दिए। जांच शुरू हुई, तो कॉलेज प्रबंधन ने गलती मानी और सफाई देते हुए कहा था कि भूलवश अंक चार्ट में कम नंबर दर्ज हो गए थे। इसके बाद संशोधित अंक चार्ट जारी किया, तो गुरुवार को सभी 16 छात्रों को पास कर दिया गया।
कॉलेज में उगाही और उत्पीड़न की खुली पोल
मामले में कुलपति ने ईडी (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) सौरभ कंवर को निलंबित करते हुए कॉलेज कैंपस खाली करने का निर्देश दिया गया। शनिवार को जांच शुरू हुई, तो एमबीबीएस की छात्रा निधि झा, यश कुमार, सुधांशु, शीतल, दिव्या श्रीवास्तव, वीरेंद्र, श्रीश कुमार, कोमल सहित कई छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में उगाही और उत्पीड़न की पोल खोलते हुए पीड़ित 150 छात्रों की सूची जांच अधिकारियों को दे चुके हैं।
छात्रों ने जो शिकायत की है, उस पर जांच की जा रही है। हम नहीं कह रहे कि छात्रों के आरोप गलत हैं। प्रवेश पत्र रोकने, हाजिरी कम करने, लेट फीस पर फाइन कैश में लेने और उसकी रसीद न किए जाने सहित सभी आरोपों की जांच कराई जा रही है। पूरा प्रयास होगा कि भविष्य में कभी इस तरह की गड़बड़ी न हो। -आरएन श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य, मेडिकल कॉलेज
सुर्खियों में रहे प्रमुख मामले
तीन जनवरी 2024- कॉलेज के 2019 बैच के एमबीबीएस अंतिम वर्ष के 50 छात्र-छात्राओं ने मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन से की गई शिकायत में आरोप लगाया कि कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में 14 से 20 दिसंबर 2023 के बीच फोरेंसिक साइंस की प्रायोगिक परीक्षा हुई थी। पास कराने के बदले प्रति छात्र तीन हजार रुपये की मांग की गई थी। फेल होने के डर से कुछ छात्रों ने 2.70 लाख रुपये एकत्र कर दिए थे।
16 फरवरी 2023- चार महीने से वेतन न मिलने से नाराज 200 सीनियर और जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी थी। डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पताल में भर्ती 50 मरीजों का समुचित इलाज नहीं मिल सका था। कई दिन मामला सुर्खियों में रहा था।
20 जनवरी 2023- वर्ष 2017 में 150 छात्रों ने एमबीबीएस में दाखिले के लिए आवेदन किया था। 18 छात्रों का डीजीएमई (महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा) ने पढ़ाई की स्वीकृति दी थी। शेष 132 छात्रों ने नीट की परीक्षा तो पास की थी, लेकिन प्रवेश की तारीख निकल जाने के कारण दाखिला नहीं हो पाया था। इस बात को छिपाते हुए कॉलेज प्रबंधन ने पढ़ाई शुरू करा दी थी । इन छात्रों की परीक्षा तो हुई पर रिजल्ट घोषित नहीं किया गया था। छात्रों ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी। 2019 में न्यायालय ने मेडिकल कॉलेज पर पांच करोड़ रुपये जुर्माना लगाया था।
22 दिसंबर 2021- को एमबीबीएस के छात्रों ने उगाही की रकम न दे पाने पर फेल करने का आरोप लगाते हुए लखनऊ-कानपुर हाईवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया था। छात्रों का आरोप था कि प्रथम वर्ष का सप्लीमेंट्री एग्जाम दिया था, लेकिन 135 में से सिर्फ 29 छात्र ही पास हुए। छात्रों ने हाईवे पर बैठ कर प्रदर्शन किया था।
चार मई 2019- कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के बिजनौर जिले के कस्बा नगीना निवासी छात्र अभिषेक विलियम्स (21) कॉलेज के ही हॉस्टल की पांचवीं मंजिल पर कमरे में फंदे से लटका मिला था।