कर्नाटक में टीचर्स के साथ दुर्व्यवहार घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. टीचर बड़ी मेहनत से छात्रों के जीवन को सार्थक बनाने में लगे रहते है, लेकिन नोटिस किया गया है कि कुछ छात्र टीचर्स के साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे है. ऐसे में शरारती छात्रों पर लगाम लगाने के लिए शिक्षकों और कई स्कूल प्रबंधनों ने सीएम को पत्र लिखकर अनुशासनात्मक नियमों को लागू करने की मांग की है.
स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. लेकिन हाल के दिनों में ऐसी खबरें आ रही हैं कि ज्यादातर छात्र और छात्राएं अपनी उम्र से ज्यादा दुर्व्यवहार कर रहे हैं. छात्रों के टीचर के साथ दुर्व्यवहार और अपमानित करने के मामले बढ़ गए है. हाल ही में एक स्कूल के छात्र ने टीचर को लेकर शर्मनाक बयान दिया था. जिसके बाद टीचर्स ने शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा से स्कूलों में न्यूनतम अनुशासनात्मक नियम लागू करने की मांग की है.
सीएम को लिखा पत्र
स्कूली स्तर पर शरारती छात्रों पर नकेल कसने के लिए न्यूनतम नियम और मानक लागू करने की मांग सभी जगह से उठनी शुरू हो गई है. इस संबंध में निजी स्कूलों के एक संगठन ने सीएम सिद्धारमैया को पत्र लिखकर मामले में नियम बनाने की मांग की है. शिक्षण संस्थानों में बच्चे टीचर्स के साथ दुर्व्यवहार, उत्पीड़न, अपमानित और अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. इसके अलावा टीचर्स पर हमले के मामले भी बढ़ गए हैं.
टीचर्स को परेशान कर रहे छात्र
हाल ही में स्कूलों और कॉलेजों में टीचर्स के साथ शोषण के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. छात्र टीचर्स को काफी परेशान कर रहे हैं. बच्चे टीचर्स को गाली देने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. इसलिए निजी शिक्षण संस्थानों ने इस पर रोक लगाने का अनुरोध सरकार से किया है. ऐसा कहा जा रहा है कि बाल विभाग छोटे-छोटे मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है. इसी कारण से बच्चों की हिम्मत बहुत ज्यादा बढ़ गई है और इसी वजह से बच्चे टीचर्स से दुर्व्यवहार करने लगे हैं.