नानपारा में धर्म विशेष टिप्पणी पर तनाव, प्रशासन की सख्ती से नियंत्रण

नानपारा – नानपारा में सोमवार की देर शाम दो बालकों के बीच सोशल मीडिया पर बातचीत के दौरान धर्म विशेष पर की गई टिप्पणी ने शहर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया। विशेष समुदाय के लोगों ने इस टिप्पणी को लेकर तीव्र आक्रोश व्यक्त किया और सड़क पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कई उत्तेजक नारे लगाए गए, जिससे पूरे शहर में तनाव का माहौल बन गया। धीरे-धीरे यह तनाव इतना बढ़ गया कि शहर की अधिकांश दुकानें बंद हो गईं और सड़कें सुनसान हो गईं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने चार थानों की पुलिस फोर्स को तैनात किया, जिन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए तुरंत कार्रवाई की। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। एडीएम और एसपी ग्रामीणने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों से कानून और शांति बनाए रखने का अनुरोध किया।

प्रशासन को मिली शिकायत के आधार पर पुलिस ने उस बालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जिसने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया, ताकि स्थिति और न बिगड़े। इस कार्रवाई के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए, लेकिन तनाव का माहौल पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ।

मंगलवार की सुबह स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में लाने के लिए डीएम मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक में शहर के प्रमुख और प्रतिष्ठित नागरिकों को आमंत्रित किया गया। नानपारा के विधायक राम निवास वर्मा भी इस बैठक में शामिल हुए। बैठक का आयोजन कोतवाली नानपारा में किया गया, जहां दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों को संबोधित किया गया।

डीएम और एसपी ने दोनों समुदायों से अपील की कि आगामी त्योहारों को शांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेगा और शांति व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि जिले में अब तक सभी त्योहार शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाए गए हैं, और इस बार भी ऐसा ही हो, इसके लिए सभी को सहयोग करना होगा।
प्रशासन ने यह भी घोषणा की कि जिले में धारा-144 लागू की जा चुकी है, जिसके तहत किसी भी प्रकार की गैरकानूनी सभा या जुलूस पर प्रतिबंध है। डीएम ने कहा कि सभी नागरिकों को इस निषेधाज्ञा का पालन करना होगा और प्रशासन की ओर से दिए गए निर्देशों का सम्मान करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि त्योहारों का समय सभी के लिए खुशियों का समय है, और इस समय में किसी प्रकार की हिंसा या तनाव को जगह नहीं दी जानी चाहिए।

इस बैठक में डीएम बहराइच मोनिका रानी और एसपी वृंदा शुक्ला के साथ अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी अश्वनी पाण्डेय, पुलिस क्षेत्राधिकारी नानपारा प्रद्युम्न सिंह, तहसीलदार अजय यादव, कोतवाल प्रदीप कुमार सिंह, और दोनों समुदायों के प्रमुख लोग उपस्थित थे। बैठक के बाद डीएम और एसपी ने अधिकारियों के साथ नगर का भ्रमण किया और लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई के बाद शहर में तनाव जरूर कम हुआ, लेकिन सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। नगर के प्रमुख चौराहों और संवेदनशील इलाकों में पुलिस तैनात कर दी गई है। पुलिस लगातार लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है। बाजारों में भी गतिविधियां शुरू हो रही हैं, लेकिन अभी भी लोगों में एक अजीब सी अनिश्चितता का माहौल है।

आगामी त्योहारों पर प्रशासन की नजर

चूंकि शहर में कुछ ही दिनों में कई महत्वपूर्ण त्योहार आने वाले हैं, प्रशासन इन त्योहारों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए विशेष तैयारी कर रहा है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि प्रशासन त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को बर्दाश्त नहीं करेगा। पुलिस और प्रशासन ने मिलकर त्योहारों के दौरान शहर में निगरानी और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं।

शहर के नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और यदि कहीं कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। प्रशासन का कहना है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे, और इसमें जनता का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है।

शहर में तनावपूर्ण माहौल के बावजूद प्रशासन की तत्परता और सूझबूझ के कारण स्थिति नियंत्रण में है। डीएम और एसपी के नेतृत्व में हुई बैठक के बाद दोनों समुदायों में संवाद स्थापित हुआ है, जिससे शांति की दिशा में कदम बढ़े हैं। हालांकि, स्थिति पूरी तरह सामान्य हुई है, लेकिन प्रशासन का भरोसा है कि आने वाले दिनों में शांति और सामंजस्य कायम होगा। आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन हर कदम उठा रहा है ताकि शहर में शांति व्यवस्था बनी रहे और नागरिक बिना किसी डर के त्योहारों का आनंद ले सकें।

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