मुख्तार अंसारी की सुरक्षा में उठाए जाएं मजबूत कदम, SC का UP सरकार को निर्देश

वाराणसी में विशेष न्यायाधीश एमपी MLA/सिविल जज (सीनियर डिविजन) उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट ने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के बाद परिवार को धमकी देने के मामले में आरोपी पूर्व माफिया विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है. इस मामले में पिछली तारीख पर बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 15 दिसंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया था

बता दें कि कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा की किडनैपिंग के बाद उसके परिजनों को बम से उड़ने की धमकी दी गई थी. इसके बाद महावीर प्रसाद रूंगटा ने भेलूपुर थाने में 5 नवंबर 1997 को बम से उड़ने की धमकी के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने विवेचना के बाद धमकी के मामले में मुख्तार के खिलाफ उसी समय आरोप पत्र दाखिल किया था

बता दें कि 22 जनवरी 1997 को वाराणसी के भेलूपुर थाना क्षेत्र में स्थित जवाहर नगर कॉलोनी में रहने वाले नंदकिशोर के दफ्तर पर मुख्तार का साला अताउर रहमान बाबू हजारीबाग का कोयला कारोबारी विजय बनकर पहुंचा. अताउर ने नंदकिशोर रुंगटा को इस बहाने से अपनी कार में बैठा लिया कि कोयले के कारोबार से जुड़े दस्तावेज दिखाने हैं. कहा गया कि अताउर ने इसके बाद नंदकिशोर रूंगटा को चाय में नशीली दवा पिलाकर अपहरण कर लिया

मुख्तार ने रूंगटा के परिवार को फिरौती के लिए कॉल की और एवज में 5 करोड़ की फिरौती मांगी. परिवार ने यह रकम मुख्तार अंसारी को पहुंचा दी थी इसके बावजूद मुख्तार अंसारी ने नंदकिशोर को नही छोड़ा और उनकी हत्या कर दी. नंद किशोर रूंगटा की लाश आज तक नही मिली

सीबीआई ने इस मामले में मुख्तार अंसारी के अलावा दो अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया जिसमें उसका शार्प शूटर और करीबी रिश्तेदार अताउर रहमान बाबू और दूसरा शाहबुद्दीन था. ये दोनों ही आरोपी 26 साल बाद भी सीबीआई की पकड़ में नहीं आ सके हैं और मौजूदा समय में सीबीआई की तरफ से 2 लाख का इनाम घोषित है

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