यूथ आइकॉन प्रवीण गुप्ता के नेतृत्व में प्रदेश के युवाओं की बात रखी गई
केन्द्र सरकार द्वारा 2014 को लागू किए गए राष्ट्रीय युवा नीति को उत्तर प्रदेश में 2016 को लागू किया गया। जिसके क्रियान्वयन आज तक ठीक ढंग से नहीं किया गया। इसके साथ ही राज्य युवा नीति के लक्ष्य प्राप्ति और नए प्रावधान जोड़ने के लिए हर 05 वर्ष में समीक्षा की आवश्यकता का स्पष्ट उल्लेख नीति के बिंदु संख्या 1.3 में किया गया है।
किंतु नीति के लागू होने सात वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक उक्त नीति की समीक्षा कराने की कोशिश सरकारों ने नहीं किया।
इसी बात को लेकर राज्य युवा पुरस्कार विजेता एवम् युवान फाउण्डेशन के अध्यक्ष यूथ आइकॉन प्रवीण गुप्ता के नेतृत्व में 04 सदस्यीय युवाओं का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राजभवन लखनऊ में माननीय राज्यपाल से मिलकर उन्हें राज्य युवा नीति 2016 की समीक्षा कराए जाने विषयक मांग पत्र सौंपा।
माननीय राज्यपाल ने काफी रुचिपूर्वक राज्य युवा नीति 2016 के सम्बंध में जरूरी प्रश्न पूछे और तत्संबंध में आवश्यक प्रयास की बात कही।
प्रतिनिधिमंडल में जनपद अम्बेडकर नगर से यूथ आइकॉन प्रवीण गुप्ता, जनपद देवरिया से ‘साहू’ विशाल कुमार गुप्ता, लखीमपुर खीरी से राष्ट्रीय युवा कोर स्वयंसेवक संदीप वर्मा एवं पूर्व राजपथ प्रतिनिधि काजल यादव सम्मिलित रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने राज्य युवा नीति में सामाजिक कार्य करने वाले युवाओं के सम्बन्ध में नीति निर्धारित करने।
युवाओं को संविदा/ठेके के बजाय स्थाई रोजगार से जोड़ने की नीति अपनाने।
डिग्रियां बंटना बंद हो, जो डिग्रीधारी हो उनकी क्षमता के उपयोग की नीति बने।
खिलाड़ियों की भांति सामाजिक कार्यों से जुड़े युवाओं को भी सुविधाएं प्राप्त हो ताकि समाज में इसकी स्वीकार्यता बढ़े और युवाओं को सामाजिक क्षेत्रों में भी कैरियर बनाने का अवसर प्राप्त हो।
युवा कल्याण के लिए चल रही योजनाओं का विभागीय समन्वय के अभाव में उचित लाभ दिलाए जाने की योजना बने साथ ही युवा नीति के लिए उत्तरदाई विभागों की कम से कम वार्षिक समीक्षा मुख्य सचिव से कराए जाने संबंधी मांग पत्र माननीय राज्यपाल को सौंपा गया।