पांच लाख से शुरू किया स्टार्टअप, अब 10 करोड़ की बन गई कंपनी

बरेली। अगर कुछ करने का जज्बा हो तो रास्ते भी आसान हो जाते हैं। नौकरी छोड़कर स्टार्टअप शुरू करने वाले हितेश कुमार ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। उन्होंने छोटे स्टार्टअप से बड़ी कंपनी खड़ी कर दी है और अब वह दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

शहर में किस दुकान से शादी के लिए खरीदारी करें, जहां आकर्षक छूट मिल रही है। नया मकान बनाना है तो बिजली फिटिंग का सामान कहां से छूट के साथ लें, वह शहरवासियों की इस दुविधा को दूर करने के लिए साफ्टवेयर विकसित कर स्थानीय स्तर के वेंडरों को जोड़ने का काम स्टार्टअप के जरिए कर रहे हैं। उन्होंने 5 लाख रुपये से स्टार्टअप शुरू किया था, आज उनकी कंपनी का टर्नओवर 10 करोड़ रुपये से अधिक है।

पीलीभीत निवासी हितेश शहर स्थित महानगर टाउनशिप में अपनी कंपनी चला रहे हैं। वह स्टार्टअप के जरिए बरेली में बैठकर विदेशों में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने टीसीएस सहित कई कंपनियों में 15 साल काम किया और फिर स्टार्टअप के जरिए युवाओं को जोड़ने की मंशा से नौकरी छोड़ दी और यहां आकर पहले अकेले काम किया। अब कंपनी की सीईओ बनकर युवाओं को जोड़कर उन्हें रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने चार साल पहले काम शुरू किया था। अब उनकी कंपनी में 50 से 60 कर्मचारी हैं।
हितेश के अनुसार कंपनी के साथ जुड़े युवा अमेरिका की बड़ी इंश्योरेंस कंपनी के अलावा कनाडा, यूरोप की कंपनियों के साथ भी काम कर रहे हैं। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है। वह बताते हैं कि छोटी राशि के साथ शुरू किया यह स्टार्टअप आज बड़े स्तर पर पहुंच चुका है। उनकी कंपनी में काम करने वाले लोग 60 से 90 हजार महीना वेतन उठा रहे हैं।

मांग के अनुरूप तैयार करते हैं साफ्टवेयर
हितेश बताते हैं कि वह कंपनियों की मांग के अनुसार नए-नए साफ्टवेयर बनाते हैं। अभी तक बड़ी कंपनियों के साथ टाइअप था, अब वह लोकल वेंडर्स को जोड़कर स्थानीय स्तर पर भी रोजगार दे रहे हैं। फिलहाल लखनऊ और वाराणसी के होलसेल व्यापारी उनसे जुड़े हैं। अब उनसे जुड़े होलसेल व्यापारी का कर्मचारी रिटेल व्यापारी से डिमांड लेने के लिए डायरी लेकर नहीं विकसित किए गए एसएएएस (सास) साफ्टवेयर के साथ बाजार में जाता है।

शहर के तमाम इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्र भी जुड़े
शहर में कई इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। यहां से बीटेक करके निकले युवा भी यहां नौकरी कर रहे हैं। हितेश बताते हैं कि उनकी कंपनी ने स्थानीय कॉलेजों के कई छात्रों का हायर करके यहीं नौकरी दी है। यहां तैनात युवाओं को आकर्षक वेतन मिल रहा है। स्टार्टअप ने आज कंपनी का रूप ले लिया है। इससे तमाम लोगों को रोजगार मिला है।

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