बलिया में धूमधाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव

जेल, पुलिस लाइन समेत प्रत्येक थानों में मनाई गई जन्माष्टमी

कान्हा की जन्म लेते ही महिलाओं ने गए सोहर

हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की से गुंजायमान हुआ भृगु नगरी

बलिया। नगर से लेकर ग्रामीणांचलों के प्रत्येक घरों में सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम रही। इसके अलावा जिला कारागार, पुलिस लाइन समेत प्रत्येक थानों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया गया। उधर आरपीएफ आवास पर भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही घड़ी की सुई रात 12 बजे पर पहुंची पूरा जनपद हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की, नंद के आनंद भयो के जयकारे से गुंजायमान हो गया। उधर हर ओर महिलाएं सोहर गाने लगीं। इस दौरान मंदिरों और घरों में झांकी सजाई गई। जन्माष्टमी पर श्रद्धालु महिला-पुरुष से लेकर बच्चों तक ने उपवास रखा। इस दौरान कहीं रूप सज्जा प्रतियोगिता तो कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इसके अलावा नगर से सटे अगरसंडा, मिड्ढा, छाता, शंकरपुर, हरिपुर, घरौली, सहतवार स्थित जानकी ब्रह्म स्थान, पंचमंदिर, शाहपुर, बांसडीह तहसील, रसड़ा तहसील व बैरिया तहसील, सिकंदरपुर तहसील के विभिन्न गांवों के मंदिर व घरों पर श्रीकृष्ण व राधे की विभिन्न स्वरूपों को सजाया गया। सुखपुरा थाना अंतर्गत बसंतपुर गांव में एक से बढ़कर एक पंडाल बनाकर भगवान श्री कृष्ण की जन्मोत्सव मनाया गया। प्रभु श्रीकृष्ण के कष्ट को हरने के लिए उनके भक्तगणों ने पूरे दिन उपवास रखा। वहीं कुछ लोगों ने निर्जला व्रत भी रखा। जन्माष्टमी पर सोमवार की सुबह से ही जगह-जगह क्षेत्र में हरे राम हरे कृष्ण के संकीर्तन से गुंजायमान हो रहा, जो देर रात तक चलता रहा। नंद के आनंद भयो, जय हो नंदलाल की, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की…..सोमवार को जिले भर में जन्माष्टमी की धूम रही। घरों से लेकर थानों और अन्य जगहों पर आकर्षक झांकियां सजाई गई। पूरे जिले में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सोमवार की सुबह से ही लोग कान्हा की मूर्ति नया वस्त्र पालकी पालना मुकुट जैसे आभूषण खरीद रहे थे। देर शाम फलों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ लगी रही। जन्माष्टमी पर खीरा सौ रुपये किलो से अधिक में बिका।
घरों में जहां श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाना है। उसे आकर्षक तरीके से सजाया और संवारा गया। वहीं मंदिरों में भी आकर्षक झांकियां सजायी गई।

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