भारतीय नौसेना के लिए अगला हफ्ता बेहद खास होने वाला है. नौसेना अगले हफ्ते सोमवार को रूस के कलिनिनग्राद में अपने लेटेस्ट बहु-भूमिका वाले स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील को जलावतरण करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस समारोह की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में करेंगे इस अवसर पर रूस और भारत के कई उच्च पदस्थ सरकारी और रक्षा अधिकारी मौजूद रहेंगे
आईएनएस तुशील प्रोजेक्ट 1135.6 का एक अपग्रेडेड क्रिवाक III क्लास का फ्रिगेट है, जिसमें से 6 पहले से ही सेवा में हैं, इसमें 3 तलवार क्लास के जहाज, जो सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिस्की शिपयार्ड में निर्मित हैं, और शेष 3 टेग क्लास के जहाज, जिसे कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में तैयार किया गया है
INS तुशील सातवां अपग्रेडेड जहाज
आईएनएस तुशील, इस सीरीज का सातवां जहाज है, दो अपग्रेडेड एडिशनल फॉलो आन जहाजों में से पहला है, जिसके लिए अनुबंध को लेकर करीब 6 साल पहले अक्टूबर 2016 में जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, भारतीय नौसेना और भारत सरकार के बीच हस्ताक्षर किए गए थे मास्को स्थित भारतीय दूतावास, के तत्वावधान में, कलिनिनग्राद में तैनात युद्धपोत निगरानी दल के विशेषज्ञों की एक भारतीय टीम ने जहाज के निर्माण की बारीकी से निगरानी की
यह युद्धपोत सैकड़ों शिपयार्ड लेबर्स के साथ-साथ कई रूसी और भारतीय ओईएम के लगातार और अथक मेहनत का नतीजा है. निर्माण और तैयारी के बाद जहाज इस साल जनवरी से शुरू होने वाले कई व्यापक टेस्टिंग से गुजरा, जिसमें फैक्टरी सी ट्रायल्स, स्टेट कमेटी ट्रायल्स और अंत में भारतीय विशेषज्ञों की एक टीम की ओर से डिलीवरी एक्सेपटेंस ट्रायल शामिल है
तुशील का क्या अर्थ
इन ट्रायल्स में जहाज पर लगे सभी रूसी उपकरणों का परीक्षण शामिल था, जिसमें हथियारों की फायरिंग भी शामिल थी ट्रायल्स के दौरान, जहाज ने 30 नॉट से ज्यादा तेज गति पकड़ी. इन ट्रायल्स के सफलतापूर्वक पूरा होने के साथ, जहाज युद्ध के लिए तैयार स्थिति में भारत पहुंचेगा और शुरुआत से ही अपना असर दिखाने के लिए तैयार होगा
जहाज का नाम, तुशील रखा गया है जिसका अर्थ होता है ‘रक्षक कवच’ और इसका शिखर ‘अभेद्य कवचम’ का प्रतिनिधित्व करता है. अपने आदर्श वाक्य ‘निर्भय, अभेद्य और बलशील’ के साथ, यह जहाज देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा तथा सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
INS तुशील कितना वजनी और लंबा
यह जहाज 125 मीटर लंबा, 3900 टन वजनी है यह जहाज अपने घातक प्रहार के लिए जाना जाता है. यह रूसी और भारतीय अत्याधुनिक तकनीकों और युद्धपोत निर्माण में सर्वोत्तम प्रथाओं का एक शानदार मिश्रण है. जहाज का नया डिजाइन इसे बेहतर स्टेल्थ सुविधाए और बेहतर स्थिरता विशेषताएं प्रदान करता है. भारतीय नौसेना विशेषज्ञों और सेवर्नॉय डिज़ाइन ब्यूरो के सहयोग से, जहाज की स्वदेशी सामग्री को 26% तक बढ़ाया गया है और भारत में निर्मित प्रणालियों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 33 हो गई है. इसमें शामिल प्रमुख भारतीय OEMs में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, केलट्रॉन, टाटा से नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम, एल्कम मरीन, जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया और कई अन्य शामिल रहे
जलावतरण के बाद, आईएनएस तुशील पश्चिमी नौसेना कमान के तहत भारतीय नौसेना के स्वॉर्ड आर्म, पश्चिमी बेड़े में शामिल हो जाएगा और दुनिया में सबसे अधिक तकनीकी रूप से अपग्रेडेट फ्रिगेट में शुमार हो जाएगा. यह नई शुरुआत न सिर्फ भारतीय नौसेना की बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक के रूप में होगा, बल्कि भारत-रूस साझेदारी की लचीली सहयोगी ताकत का भी प्रतीक होगा