सोनम वांगचुक के अनशन को दो हफ्ते हो गए हैं. वह लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर पैदल लद्दाख से दिल्ली पहुंचे हैं, जहां सोमवार को उनके और उनके समर्थकों के अनशन का 16वां है. सोनम वांगचुक के साथ शामिल होकर जो लोग मौन व्रत रखना चाहते थे. उन्हें इकट्ठा होने की इजाजत नहीं दी गई और दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने रविवार को एक्स पर अपने अनशन के 15 दिन होने पर लिखा, “नमक और पानी पर 15वां दिन, अनशन के 15वें दिन जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने आंदोलन को समर्थन देने के लिए लेह के शहीद पार्क स्थित अनशन स्थल का दौरा किया.चीन और पाकिस्तान की सीमा से लगे लेह शहर तक लद्दाख के गांवों में उपवास रखा गया.दिल्ली में सैकड़ों लोग हमारे साथ शामिल होने आए लेकिन उन्हें जबरन बसों में भरकर हिरासत में ले लिया गया.”
मौन व्रत है कोई विरोध प्रदर्शन
सोनम वांगचुक जिस जगह पर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं. वहां पर दिल्ली पुलिस ने बड़े पैमाने पर अवरोधक लगाए हैं और लद्दाख भवन के चारों तरफ भी यह अवरोधक लगा दिए गए हैं. वांगचुक ने अपने मौन व्रत को लेकर एक्स पर लिखा, “समझने की कोशिश करिए कि यह मौन व्रत है कोई विरोध प्रदर्शन नहीं है.” उन्होंने कहा कि उनके मौन व्रत को विरोध प्रदर्शन के तौर पर पेश किया जा रहा है.
इसके साथ ही वांगचुक ने दिल्ली के लोगों से रविवार को लद्दाख भवन में हिमालय और पर्यावरण को बचाने के लिए ‘मौन व्रत’ में शामिल होने का आग्रह भी किया. लद्दाख के लगभग 25 लोग 6 अक्टूबर से दिल्ली के लद्दाख भवन में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं. वह अपनी मांगों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत बड़े नेताओं के साथ बैठक की मांग कर रहे हैं.