नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि देश में कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा है।
धनखड़ ने शनिवार को नेल्लोर जिले के वेंकटचलम में स्वर्ण भारत ट्रस्ट में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में कुछ लोगों ने अनुचित कारणों से अपने राजनीतिक हित को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि उन्हें सद्बुद्धि आएगी। ऐसे लोग हमारे देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किए गए सर्वोच्च बलिदानों से सीख लेंगे। धनखड़ का यह बयान राहुल गांधी द्वारा हिंडनबर्ग की नवीनतम रिपोर्ट के बाद भारत के शेयर बाजार की अखंडता के बारे में चिंता जताए जाने के बाद आया है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने राष्ट्र से आर्थिक राष्ट्रवाद अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने उद्योग, व्यापार और वाणिज्य क्षेत्रों से आग्रह किया कि वे अनावश्यक आयातों के बजाय स्थानीय उत्पादन को प्राथमिकता दें। उन्हाेंने अर्थव्यवस्था पर अनावश्यक आयात के नकारात्मक प्रभाव का जिक्र किया। उन्हाेंने कहा कि कालीन, वस्त्र और खिलौनों जैसी आयातित वस्तुओं पर हमारी निर्भरता न केवल हमारी विदेशी मुद्रा को विदेश भेज रही है, बल्कि घरेलू उद्यमिता के विकास में भी बाधा डाल रही है।
धनखड़ ने प्राकृतिक संसाधनों के इष्टतम उपभोग की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया और नागरिकों से वित्तीय शक्ति के बजाय आवश्यकता के आधार पर संसाधनों का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक ताकत से प्रेरित प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक बड़ा खतरा है।
बेतहाशा खर्च के खिलाफ चेतावनी देते हुए धनखड़ ने कहा कि इस तरह की हरकतें आने वाली पीढ़ियों की खुशहाली को खतरे में डाल देंगी। उन्होंने कहा, “अगर हम पैसे की ताकत के आधार पर अनावश्यक खर्च करते हैं, तो हम आने वाली पीढ़ी को खतरे में डाल रहे हैं।”
पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के प्रति अपनी गहरी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करते हुए धनखड़ ने राष्ट्र के कल्याण के लिए नायडू के आजीवन समर्पण पर प्रकाश डाला और उनके सार्वजनिक जीवन को आकार देने वाले आदर्शों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया।