नई दिल्ली। नए साल के पहले दिन जापान में भूकंप ने जबरदस्त तबाही मचाई तो दूसरे दिन टोक्यो में एक भीषण विमान हादसा हो गया। विमान दुर्घटना की तस्वीर देखकर दुनिया दंग रह गई। मंगलवार को टोक्यो के हानेडा एयरपोर्ट के रनवे पर दो विमान आपस में टकरा गए।
टक्कर के बाद जापान एयरलाइंस के विमान में आग लग गई। पूरी एयरलाइंस एक आग के गोले में तब्दील हो गई। विमान से धुएं का गुबार उठने लगा। जापान एयरलाइंस की उड़ान जेएएल-516 में कुल 379 लोग सवार थे।
यात्रियों ने जान बचाने के लिए विमान से कूदने का फैसला कर लिया और विमान से यात्री इमरजेंसी दरवाजे से बाहर निकलने लगे। दरवाजे से बाहर निकलने के बाद यात्री खुले मैदान में भागने लगे। गनीमत रही कि विमान में सवार सभी 379 यात्री अपनी जान बचाने में कामयाब रहे।
पांच मिनट के भीतर विमान से बाहर आए सभी यात्री
बीबीसी के मुताबिक, महज पांच मिनट के भीतर ही सभी यात्रियों को विमान से बाहर रेस्क्यू किया गया। विमान में मौजूद क्रू मेंमबर्स की चौकसी ने यात्रियों की जान बचा दी। हालांकि, यात्रियों को अपने सामन को विमान में ही छोड़कर कूदना पड़ा।
विमान में शामिल यात्रियों ने सुनाई आपबीती
जापान एयरलाइंस के विमान में सवार 17 वर्षीय स्वीडिश एंटोन डेइबे ने स्वीडिश अखबार आफ्टनब्लाडेट को बताया,” कुछ ही मिनटों में पूरा केबिन धुएं से भर गया। हम खुद फर्श पर लेट गए, फिर आपातकालीन दरवाजे खोले गए और हम बाहर कूद गए।”
विमान में मौजूद 17 वर्षीय यात्री स्वेड एंटोन डेइबे ने कहा,“टक्कर के बाद विमान में अफरातफरी मच गई। केबिन के अंदर हर तरफ धुआं फैल गया। आग लगने के बाद हम फर्श पर लेट गए और तुरंत इमरजेंसी दरवाजा खोला गया। विमान से बाहर आने के बाद हम भागने लगे। हालांकि, हमें यह पता नहीं था कि हम कहां जा रहे हैं।”
59 वर्षीय यात्री सातोशी यामाके ने जानकारी देते हुए बताया,“मुझे लगा कि शुरुआती टक्कर में हवाई जहाज एक तरफ झुक गया था।” वहीं, एक महिला यात्री ने कहा,”मैं ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगा कि मैं बच नहीं पाऊंगी।”
यात्री श्री यामाके ने कहा,“इतनी अफरातफरी की वजह से सभी को बाहर निकलने में लगभग पांच मिनट लग गए। उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि आग ने करीब 10, 15 मिनट में पूरे विमान में फैल गई थी।”
वहीं एक अन्य यात्री ने बताया,” हम केवल यह कह सकते हैं कि यह एक चमत्कार था, हम मर सकते थे”।
जापानी तटरक्षक विमान में मौजूद पांच लोगों की हुई मौत
हालांकि, दुर्घटना में शामिल दूसरा विमान जापानी तटरक्षक विमान था। इस विमान में सवार 6 क्रू मेंमबर्स में से पांच की मौत हो गई। कोस्ट गार्ड का विमान भूकंप प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री पहुंचाने जा रहा था। कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जापान कोस्ट गार्ड के विमान ने यात्री विमान को टक्कर मार दी थी।
टेक्स्ट बुक 90 इवेक्वेशन ट्रेनिंग ने बचाई यात्रियों की जान
कुछ मिनटों में 379 यात्रियों को बाहर निकालने के लिए विमान के क्रू मेंबर्स ने जो सूझबूझ और चतुराई दिखाई उसकी काफी चर्चा हो रही है। सभी यात्रियों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू करना कोई किस्मत की बात नहीं थी बल्कि क्रू मेंमबर्स को मिली टेक्स्ट बुक 90 इवेक्वेशन की ट्रेनिंग थी।
विमान सुरक्षा के जानकार और यूके के क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय में सुरक्षा और दुर्घटना जांच के प्रोफेसर ग्राहम ब्रेथवेट ने बताया कि आमतौर पर विमान को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि आपातकालीन स्थिति में पूरे विमान को 90 सेकंड में खाली किया जा सके।
जेएएल के एक पूर्व फ्लाइट अटेंडेंट ने बीबीसी को बताया कि क्रू मेंमबर्स को कमर्शियल फ्लाइट्स में सर्विस की इजाजत देने से पहले उन्हें तीन सप्ताह तक कठोर ट्रेनिंग से गुजरनी पड़ती है। इस दौरान क्रू मेंमबर्स की लिखित परीक्षा और टेक्स्ट बुक 90 इवेक्वेशन प्रॉसेस की ट्रेनिंग दी जाती है।