यूपी के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास को लेकर शासन गंभीर

आजमगढ़। परिषदीय विद्यालयों को तकनीकी रूप से दक्ष करने की पहल तेज हो गई है। आनलाइन हाजिरी के बाद अब स्मार्ट क्लास को लेकर शासन गंभीर हो गया है। स्मार्ट बोर्ड पर पढ़ाते हुए अब शिक्षकों का एक से दाे मिनट का वीडियो बेसिक शिक्षा कार्यालय में भेजना अनिवार्य होगा।

बेसिक शिक्षा विभाग की एक और पहल
स्मार्ट बोर्ड को शिक्षकों के व्यवहार में लाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने यह पहल की है। जिले में 425 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई है। जिसके लिए शिक्षकों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका हैं। अब उनके व्यवहार में लाने की पहल की जा रही है

शिक्षण व्यवस्था को तकनीकी रूप दक्ष बनाने की मंशा
जिले में 2706 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इसमें 1724 प्राथमिक, 458 उच्च प्राथमिक व 524 कंपोजिट विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में तीन लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की सरकार की योजना की कड़ी में सारी व्यवस्थाएं आनलाइन की जा रही है। इसमें शिक्षकों की हाजिरी से लेकर बच्चों को विद्यालयों में मिलने वाली सुविधाएं शामिल है।

स्मार्ट क्लास के लिए दक्ष किए जा चुके हैं शिक्षक
स्मार्ट क्लास का फायदा छात्र-छात्राओं देने के लिए शिक्षक पहले ही तकनीकी रूप से दक्ष किए जा चुके है। स्मार्ट क्लास में इंटरेक्टिव (संवादात्मक) बोर्ड व प्रोजेक्टर से विजुअल क्लास के संचालन के लिए तकनीक की जानकारी दी गई है।

बच्चों को स्मार्ट क्लास देने का शासन ने दिया निर्देश
प्रशिक्षण में स्मार्ट क्लास स्थापित करने वाली कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञों ने शिक्षकों को स्मार्ट क्लास के संचालन में तकनीकी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी थी। जिसमें प्रत्येक प्रतिभागी को न्यूनतम दस मिनट का इंटरेक्टिव बोर्ड व विजुअल क्लास का प्रस्तुतिकरण देना अनिवार्य किया गया था। अब शिक्षकों के इस प्रशिक्षण का लाभ बच्चों को देने का निर्देश शासन से आया है।

बीएसए राजीव पाठक के अनुसार, “शासन की स्मार्ट क्लास योजना को मूर्त देने की कवायद शुरू हो गई है। शिक्षकों को स्मार्ट क्लास चलाते हुए उसका एक से दो मिनट का वीडियो भेजना अनिवार्य है। इसके लिए सभी को निर्देश दिया है।

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