श्रीलंका में एसएलपीपी के दिग्गज नेता इस बार नहीं लड़ेंगे संसदीय चुनाव

श्रीलंका। श्रीलंका में 14 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव में इस बार श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) के तमाम दिग्गज नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे। पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में साथ छोड़ने वाले विभिन्न नेताओं को भी टिकट न देने का फैसला किया है।

डेली मिरर की खबर के अनुसार, इनमें ऐसे कई नेता शामिल हैं जो नौवीं संसद में प्रभावी भूमिका में रहे हैं। इनमें से दर्जनों ने बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर खुद ही राजनीति छोड़ने का फैसला किया है। मुख्यधारा की राजनीति से बाहर रही नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के राष्ट्रपति चुनाव में विजयी रहने से भी कई नेताओं ने हार जाने के डर चुनाव न लड़ने की घोषणा की है।

पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, उनके बड़े भाई चामल राजपक्षे, गामिनी लोकुगे और अली साबरी सहित कई नेता इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। चामल राजपक्षे ने पुष्टि की कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके बेटे शशिंद्र राजपक्षे मोनेरागला जिले से एसएलपीपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। साबरी ने कहा कि वह अब वकालत करेंगे। पिछली बार एसएलपीपी से सांसद चुने गए वासुदेव नानायक्कारा ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। बंडुला गुणवर्धने ने भी घोषणा की कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। पूर्व न्याय मंत्री विजयदास राजपक्षे अनिश्चित हैं कि चुनाव लड़ें या नहीं।

सामगी जन बालवेगया (एसजेबी) के नेता और पूर्व सांसद लक्ष्मण किरीएला के भी इस बार चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है। उनकी जगह उनकी बेटी चमिन्द्राणी किरीएला इस बार कैंडी जिले से चुनाव लड़ सकती हैं। प्रो. तिस्सा विथराना और एएचएम फॉजी ने भी संसदीय चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है।

Related Articles

Back to top button