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दलित किशोरी के साथ हुई घटना को दबाने में चौकी प्रभारी, थाना प्रभारी हुए निलंबित

बाराबंकी। पुलिस अधीक्षक के आदेश को दरकिनार करना मसौली थाना प्रभारी और त्रिलाेकपुर चौकी प्रभारी को महंगा पड़ गया। ज्ञात हो कि दलित किशोरी के साथ हुई घटना की गलत जानकारी कप्तान को देना, प्रकरण को दबाने का प्रयास करना, समझौता और दबाव बनाना जो मसौली पुलिस की घोर लापरवाही व मनमानी की गवाही है। जिसके चलते एसपी दिनेश सिंह ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर करते हुए चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

22 अगस्त को मसौली थाना क्षेत्र अंतर्गत त्रिलाेकपुर पुलिस चौकी क्षेत्र की रहने वाली 16 साल की दलित किशोरी को कार सवार अंकित वर्मा और उसके दोस्त जबरन अपने साथ बिठाकर ले गए। अंकित वर्मा ने पहले बाराबंकी शहर के एक हाेटल और फिर गाजियाबाद में रखकर उसके साथ मुंह काला किया उसके बाद 25 अगस्त को किशोरी को उसके गांव के पास छोड़ दिया।

आरोप यह है कि पीड़िता की सुनवाई करने के बजाए थाना पुलिस सुलह कराने में व्यस्त हो गई। पीड़िता के मामा के अनुसार एसपी तक मामला पहुंचाया गया, तो उन्होने मेडिकल कराकर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया। इसके बावजूद मसौली थाना पुलिस अपनी जिद पर अड़ी रही। यही नहीं अपने अनुसार तहरीर तैयार कर पीड़िता को थाने पर बिठाए रखा। दबाव बनाने के साथ आरोपियों ने पीड़िता के साथ दुर्व्यवहार भी किया।

पुलिस ने मामले को दबाने का हरसंभव प्रयास किया पर वह सफल नहीं हो सकी। आखिरकार मामले की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंच गई। आला अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया तो जिला स्तर पर भी मामले की पड़ताल हुई तथा आरापियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कर एक को जेल भेज दिया गया।

अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने इस बारे में बताया कि पीड़िता का बयान व मेडिकल परीक्षण की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है। आरंभिक स्तर पर पर्याप्त एवं तत्परता से कार्रवाई नहीं की गई। प्रकरण में शिथिलता व त्वरित कार्यवाही न करने पर प्रभारी निरीक्षक मसौली अरुण प्रताप सिंह को लाइन हाजिर किया गया, चौकी प्रभारी त्रिलोकपुर उपनिरीक्षक मनोज कुमार को निलम्बित किया गया है।

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