कठौड़ा गांव में ग्रामीणों से गिड़गिड़ाती नजर आई सिकंदरपुर पुलिस

ग्रामीणों को ढाल बनाकर अपनी सच्चाई छुपाना चाह रही सिकंदरपुर पुलिस

लॉ एंड आर्डर छोड़ राजनीति व कूटनीति पर उतरी पुलिस

बलिया। अवैध शराब एवं पशु तस्करी पर पूर्णतया रोक लगाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बड़ा एक्शन प्लान बनाया है। उन्होंने गूगल मिट के माध्यम से सभी थानाध्यक्षों एवं क्षेत्राधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि पिकेट स्थापित कर हरहाल में तस्करी पर लगाम लगाए। अन्यथा की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उधर एसपी के कड़े निर्देश के बाद सिकंदरपुर पुलिस डरी सहमी हुई अपने को बचाने के उद्देश्य से शनिवार को जहां अवैध शराब का कारोबार होता है। उस गांव के लोगों से गिड़गिड़ाती हुई नजर आई। उनके द्वारा ग्रामीणों से निवेदन किया गया कि आपके गांव में शराब तस्करी की खबर उजागर होने के बाद कोई आपके बेटा-बेटी से शादी नहीं करेगा। इससे आपकी और आपके गांव की बदनामी होगी। कृपया आप लोग एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर बताएं कि हमारे गांव में कच्ची शराब नहीं बनती है और नाही इसका कोई कारोबार होता है।

आपको बता दे कि आबकारी विभाग की कार्रवाई के बाद सिकंदरपुर पुलिस की हालत “खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे” वाली कहावत की तरह हो गई है। चारो तरफ हो रही छीछालेदर से परेशान हो सिकंदरपुर पुलिस अब लॉ एंड आर्डर छोड़कर राजनीति और कूटनीति का रास्ता अपना रही हैं। जिसका नजारा शनिवार की शाम कठौड़ा गांव में देखने को मिला। इस दौरान सिकंदरपुर पुलिस अवैध शराब के कारोबार में जुड़े लोगों का ब्रेन वास करते नजर आई। कभी गांव की बदनामी तो कभी ग्रामीणों की दुहाई देकर ग्रामीणों को जबरदस्ती अपने पक्ष में करने का प्रयास किया। यही नहीं ग्रामीणों से सोमवार को एसडीएम को ज्ञापन देकर आबकारी विभाग की कार्रवाई को झूठा और मनगढ़ंत साबित करने का भी दबाव बनाया जाता रहा।

सिकंदरपुर पुलिस के इस साजिश को मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया। पुलिस के तांडव से भयभीत ग्रामीण अपने को ठगा सा महसूस करने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अपनी गर्दन फंसता देख ग्रामीणों के कंधे पर बंदूक रख चलाने का प्रयास कर रही हैं। यदि सब कुछ पाक साफ है तो आबकारी विभाग की कार्रवाई में कठौड़ा और लिलकर से सैकड़ो लीटर लहन और कच्ची शराब कहां से बरामद हो गई। चार दर्जन से अधिक भट्ठियों को नष्ट कर आबकारी विभाग ने स्थानीय पुलिस की सह पर चलाए जा रहे रैकेट का भी भंडाफोड़ किया था। लोगों ने बताया की ग्रामीणों को ढाल बनाने की बजाय सिकंदरपुर पुलिस कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने पर ध्यान दी होती तो शायद ऐसी नौबत नहीं आती।

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