नई दिल्ली। सितंबर में इक्विटी बाजारों ने 20,200 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर के बाद जोखिम-मुक्त सेंटीमेंट की ओर एक उल्लेखनीय बदलाव का अनुभव किया। मोतीलाल ओसवाल एएमसी के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अखिल चतुवेर्दी का कहना है कि इस बदलाव के बावजूद, इक्विटी म्यूचुअल फंडों ने मजबूती से प्रदर्शन करना जारी रखा और 14,091 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण शुद्ध प्रवाह दर्ज किया, जो अगस्त के 20,245 करोड़ रुपये से कम है।
हालांकि कुल शुद्ध प्रवाह में विभिन्न श्रेणियों में गिरावट देखी गई। यह उल्लेखनीय है कि विषयगत/क्षेत्रीय फंडों ने चालू माह में अपना सकारात्मक रुझान बढ़ाया, जिससे उच्चतम शुद्ध प्रवाह आकर्षित हुआ।
इसके बाद स्मॉलकैप फंड और मल्टीकैप फंड थे। हालांकि, स्मॉल-कैप प्रवाह में महीने-दर-महीने गिरावट देखी गई, जिसका क्रेटिट कुछ फंड हाउसों द्वारा अस्थायी रूप से प्रवाह को रोकने के कारण दिया जा सकता है।
हाइब्रिड फंडों ने महीने-दर-महीने आधार पर शुद्ध प्रवाह में वृद्धि का अनुभव किया। उन्होंने कहा, यह प्रवृत्ति बाजार में प्रचलित जोखिम-मुक्त भावना को दर्शाती है।
स्मॉलकेस मैनेजर और फिडेलफोलियो इन्वेस्टमेंट्स के संस्थापक किसलय उपाध्याय ने कहा कि अमेरिकी बांड यील्ड में वृद्धि और वैश्विक चुनौतियों के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने निराशावादी रुख अपनाया। इसके बावजूद, इक्विटी एक चुंबक बनी हुई है, जो भारतीय निवेशकों के जोखिम में निरंतर बदलाव का संकेत है।