उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में आज (सोमवार को) श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह से सभी मंदिर सज गए हैं और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन कर रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली जहां भगवान ने 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखी थी, ऐसे सुप्रसिद्ध सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी के भव्य आयोजन की तैयारियां की गई है।
सांदीपनि आश्रम के प्रमुख पुजारी पंडित रूपम व्यास ने बताया कि जन्माष्टमी के मौके पर सुबह 7:00 बजे से आश्रम में दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां रात्रि 11:00 बजे तक श्रद्धालु लाइन में लगकर भगवान के दर्शन कर सकेंगे। आश्रम में संस्कृति विभाग के माध्यम से भगवान कृष्ण की लीलाओं पर केंद्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। रात्रि 10:30 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जन्माष्ठमी पर्व में शामिल होंगे और भगवान का दर्शन, पूजन और अभिषेक करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ यादव महाआरती में भी शामिल होंगे। श्रद्धालु रात्रि 1:00 बजे तक भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता के प्रसिद्ध स्थल नारायणा धाम, महिदपुर में भी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। यहां 25 से 27 अगस्त तक मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा श्री कृष्णा आख्यान की कला अभिव्यक्तियां थीम पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। आज यहां धार की श्वेता गुंजन जोशी और साथी द्वारा भक्ति गायन तथा मथुरा के गिरधर गोपाल शर्मा और साथी द्वारा रासलीला की प्रस्तुति दी जाएगी।
गोपाल मंदिर उज्जैन के प्रशासक अजय धनके ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारी और कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व एक ही दिन होने से श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह हैं। इस शुभ अवसर पर सोमवार को शाम 6:00 बजे गोपाल मंदिर पर हरिहर मिलन होगा। रात्रि 10:00 बजे मुख्यमंत्री डॉ. यादव गोपाल मंदिर में भगवान का दर्शन करेंगे। रात्रि 12:00 बजे तक भगवान के दर्शन पूजन, अभिषेक और आरती की जाएगी। रात्रि 2:00 बजे तक भगवान के दर्शन के लिए मंदिर के पट खुले रहेंगे।
जन्माष्टमी पर इस्कॉन मंदिर उज्जैन में 25 से 27 अगस्त तक त्रिदिवसीय जन्माष्टमी उत्सव का आयोजन हो रहा है, जिसमें 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी तथा 27 अगस्त 2024 को नंदोत्सव एवं इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपादजी का अविर्भाव तिथि महोत्सव अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए रात्रि 12 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। पूरे दिन भजन कीर्तन चलते रहेंगे।