वाराणसी। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और 5000 वर्ग स्क्वायर मीटर का परिक्षेत्र बढ़कर 50 हजार स्क्वायर मीटर का हो जाने के कारण सुरक्षा में तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों ने देश की सीमाओं की सुरक्षा में प्रयोग होने वाले उपकरणों से यहां की सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद बनाने का निर्णय लिया है। हाईलेवल सुरक्षा ब्लूप्रिंट तैयार कर शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी मंजूरी मिलते ही आधुनिक उपकरणों से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की सुरक्षा अभेद बनाई जाएगी।
इस सुरक्षा प्रणाली का प्रयोग भारत-पाकिस्तान समेत अन्य देशों की सीमा पर किया जाता है। अब स्कैनिंग के बाद ही कोई वाहन धाम के करीब पहुंच सकेगा। स्कैनिंग मशीन पता लगा लेगी कि गाड़ी में कोई एक्सप्लोसिव, बम, असलहा आदि तो नहीं है।
मोबाइल टैब, लैपटाप आदि की स्क्रीनिंग भी होगी। धाम के आसपास ड्रोन उड़ाने पर पहले से प्रतिबंध है। अब एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया जाएगा। निगरानी के लिए 50 फुट ऊंचे 20 वाच टावर और गंगा में पेट्रोलिंग बोट तैनात किए जाएंगे।
जून में पहुंचे 30 लाख से अधिक श्रद्धालु
45-47 डिग्री तापमान होने के बाद भी जून के 19 दिनों में ही लगभग 30.34 लाख भक्तों ने बाबा का दर्शन-पूजन किया। प्रचंड गर्मी को धता बताते हुए बीते मई में 61.87 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया था। पिछले वर्ष मई में लगभग 42 लाख श्रद्धालु ही आए थे। अब तक इस वर्ष 19 जून तक यानी 171 दिनों में 3.11 करोड़ से अधिक श्रद्धालु बाबा का दर्शन कर चुके हैं।