स्वर कोकिला कहलाने वाली शारदा सिन्हा नहीं रही अब हमारे बीच

शारदा सिन्हा… ये नाम मन में आते ही दूसरे पल छठ के गीत अपने आप ही याद आने लगते हैं छठ के गीतों को बिहार की इस बेटी ने कुछ ऐसा गाया कि छठ का पर्व इनके गानों के बिना अधूरा माने जाने लगा ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके हो या केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके या फिर कांचे ही बांस के बहंगिया… शारदा सिन्हा के छठ पर गाए हुए ये गीत अजर-अमर हो चुके हैं..

पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित

स्वर कोकिला कहलाने वाली शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रही. दिल्ली के एम्स में मंगलवार की रात को उनका निधन हो गया पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा को छठी मईया ने छठ पर्व के दौरान ही अपने पास बुला लिया शारदा सिन्हा बिहार की शान थी मैथिली और भोजपूरी संगीत में उनका योगदान कभी नहीं भूला जा सकता है शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रही लेकिन छठ के गीतों को जब भी गुनगुनाया जाएगा बिहार की इस बेटी का नाम आता रहेगा यूं कहे कि छठ जैसे महान पर्व शारदा सिन्हा के बिना अधूरा सा लगेगा

50 साल पहले गाया पहला गाना

शारदा सिन्हा ने करीब 50 साल पहले यानी साल 1974 में पहला भोजपूरी गाना गाया था लेकिन इसके बाद उनका संघर्ष जारी रहा. फिर साल 1978 में उन्होंने छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ गाया इस गाने ने रिकॉर्ड बनाया और यही से शारदा सिन्हा और छठ पर्व एक दूसरे के पूरक हो गए करीब 46 साल पहले गाए इस गाने को आज भी छठ घाटों पर सुना जा सकता है इसके बाद सन 1989 में शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड में कदम रखा और फिल्म मैने प्यार किया के लिए कहे तोसे सजना गाना गाया

बिहार के सुपौल से रिश्ता

बिहार की स्वर कोकिला जिसने पूरी दुनिया में अपना परचम लहाराया बिहार के सुपौल जिले के एक छोटे से गांव हुलास में उनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को हुआ था शारदा सिन्हा के पिता सुखदेव ठाकुर हाई स्कूल के प्रिंसिपल थे शारदा सिन्हा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई हुलास गांव से ही पूरी की थी फिर स्कूल पूरा करने के बाद वो संगीत में अपना करियर बनाने के लिए संघर्ष करने लगी कई सालों की मेहनत के बाद उग हो सूरज मल गाने बिहार की इस बेटी को अपना मुकाम दिलाया, इसे संयोग कहे या कुछ और लेकिन जीवन भर जिस छठ के गीतों को गाकर शारदा ने पूरी दुनिया में डंका बजाया छठ पर्व के दौरान ही उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया

संगीत जगत के अपूरणीय क्षति

शारदा सिन्हा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक ने शोक व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा कि मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत शारदा सिन्हा की आवाज में रिकॉर्ड किए गए, जो पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. 72 साल की शारदा ने मैथिली, भोजपूरी के अलावा हिन्दी फिल्मों में भी गाने गाए हैं. गैंग्स ऑफ वासेपुर का तार बिजली से पतले हमारे पिया हो या फिर हम आपके हैं कौन का बाबूल, शारदा सिन्हा ने जब मैने प्यार किया फिल्म में कहे तोसे सजना गाया. तब से वो रातों रात सुर्खियों में आ गई. उन्होंने दुनिया को दिखाया कि वो हर तरह के गाने गा सकती हैं.

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