Shalini Goyal : 64 साल की उम्र में कई नए आयाम स्थापित की शालिनी…

शालिनी का यह क़दम वाकई प्रेरणादायक है! 64 साल की उम्र में टेबल टेनिस जैसे खेल में पहचान बनाना यह साबित करता है कि उम्र केवल एक संख्या है और अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। रिटायरमेंट के बाद खेल के मैदान में लौटकर अपनी नई पहचान बनाना, न सिर्फ शालिनी की मेहनत और समर्पण को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जीवन के किसी भी पड़ाव पर नई शुरुआत की जा सकती है। शालिनी का टेबल टेनिस में सफल होना, खासकर तब जब लोग अक्सर रिटायरमेंट के बाद आराम करने का फैसला करते हैं, एक बड़ी प्रेरणा है। यह उन लोगों के लिए एक संदेश है जो यह मानते हैं कि उम्र के साथ उनका खेल जीवन खत्म हो जाता है।

Shalini Goyal : शालिनी का यह क़दम वाकई प्रेरणादायक है! 64 साल की उम्र में टेबल टेनिस जैसे खेल में पहचान बनाना यह साबित करता है कि उम्र केवल एक संख्या है और अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। रिटायरमेंट के बाद खेल के मैदान में लौटकर अपनी नई पहचान बनाना, न सिर्फ शालिनी की मेहनत और समर्पण को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जीवन के किसी भी पड़ाव पर नई शुरुआत की जा सकती है। शालिनी का टेबल टेनिस में सफल होना, खासकर तब जब लोग अक्सर रिटायरमेंट के बाद आराम करने का फैसला करते हैं, एक बड़ी प्रेरणा है। यह उन लोगों के लिए एक संदेश है जो यह मानते हैं कि उम्र के साथ उनका खेल जीवन खत्म हो जाता है।

ये भी पढ़ें….Crime News : फेरा डालने गई थी दुल्हन के साथ क्या हुआ जानें,विस्तार से..

Bareilly Shalini Entered The Sports Field After Retirement - Amar Ujala  Hindi News Live - Up:रिटायरमेंट के बाद खेल के मैदान पर उतरीं बरेली की शालिनी,  64 साल की उम्र में टेबल

शालिनी गोयल का टेबल टेनिस में कदम रखना सच में काबिले तारीफ है। 64 साल की उम्र में खेल के इस क्षेत्र में न सिर्फ अपनी पहचान बनाना, बल्कि कई नए आयाम स्थापित करना, यह साबित करता है कि उम्र कभी भी किसी भी नए लक्ष्य को हासिल करने में रुकावट नहीं बन सकती। यह उदाहरण हमें यह सिखाता है कि जब किसी व्यक्ति में जुनून और समर्पण हो, तो वह किसी भी उम्र में अपने सपनों को पूरा कर सकता है। सेवानिवृत्त होने के बाद शालिनी का टेबल टेनिस में आना, उनके जीवन में एक नई शुरुआत को दर्शाता है। यह उनके लिए न केवल एक खेल, बल्कि खुद को नए तरीके से चुनौती देने और जीवन को नए रूप में जीने का मौका भी था। शालिनी की सफलता दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो यह मानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद कुछ नया शुरू करना मुश्किल होता है।

ये भी पढ़ें…अमित शाह ने परिसीमन को लेकर दक्षिणी राज्यों को दिया भरोसा, स्टालिन पर लगाया जनता को गुमराह करने का आरोप

Bareilly Shalini Goel become UP Champion of table tennis in the age of  retirement रिटायरमेंट की उम्र में टेबल टेनिस खेलना शुरू किया, बन गईं यूपी  की चैंपियन, Uttar-pradesh Hindi News -शालिनी गोयल का यह कदम सचमुच प्रेरणादायक है। जहां आमतौर पर लोग रिटायरमेंट के बाद आराम करना या फिर अपनी पुरानी आदतों में ही लिप्त रहना पसंद करते हैं, वहीं शालिनी ने इस धारणा को पूरी तरह से चुनौती दी। उनकी कहानी यह साबित करती है कि रिटायरमेंट के बाद जीवन को नए ढंग से जीने का एक शानदार अवसर होता है, और अगर सही दिशा में ध्यान केंद्रित किया जाए तो जीवन में नई शुरुआत की जा सकती है। 2021 में केंद्रीय विद्यालय से सेवानिवृत्त होने के बाद शालिनी ने अपने खाली समय का उपयोग शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहने के लिए किया। उन्होंने टेबल टेनिस के खेल में अपनी रुचि को पहचाना और उसे गंभीरता से अपनाया। इस खेल को शुरुआत में सोसाइटी के क्लब में खेलने से किया, जो यह दिखाता है कि उन्होंने अपने आसपास के संसाधनों और समुदाय का सही उपयोग किया। उनका यह कदम न सिर्फ अपने लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक संदेश है जो रिटायरमेंट के बाद अपनी जिंदगी को हल्के में लेते हैं। शालिनी का उदाहरण यह सिखाता है कि जब किसी के पास समय हो, तो उसे खुद को और अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

Related Articles

Back to top button