शाबास राजस्व विभाग! अपने ही विभागीय कर्मचारी को नही दिलवा पा रहे हैं कब्जा

बैनामा होने के बाद भी दबंग कर रहे हैं उस पर खेती
दर्जनों षिकायती पत्र देने के बाद भी कार्यवाही सिफर
हैदरगढ़, बाराबंकी।
इधर पिछले दिनों प्रदेष के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमीनी मामलों को जल्द निपटाने के लिए जनपदों के सभी जिलाधिकारियों और उप जिलाधिकारियों को निर्देषित कर रखा है कि जमीनी मामलों में तारीख न देकर उसका निस्तारण जल्द से जल्द कर दिया जाये। लेकिन हैदरगढ़ तहसील के राजस्व निरीक्षकों और राजस्व कर्मियों की कार्यषैली इतनी भ्रष्ट हो चुकी है कि सीधे साधे जमीनी मामलों में मौके पर जा करके निस्तारण करने की जहमत नही उठा रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक का देखा जा सकता है। जानकारी के अनुसार कस्बा हैदरगढ़ के मोहल्ला पूरेमितई निवासी प्रभुनाथ तिवारी कई वर्षों से तहसील हैदरगढ़ क्षेत्र में राजस्व निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे। दो वर्ष पूर्व जब उनका रिटायरमेंट हो गया तो पेंषन के सहारे अपना व अपने परिवार की जीविका चला रहे थे। उन्होने लगभग तीन वर्ष पूर्व विकास खण्ड सिद्धौर के ग्राम पंचायत देवगहना निवासिनी अहरवा देवी पत्नी षिव प्रसाद से गाटा संख्या 219 में 16 हे0 जमीन का बैनामा अपनी पत्नी शेष कुमारी के नाम तहसील हैदरगढ़ में कराया था।

बैनामा लेने के बाद से ही उस पर उनका लगातार कब्जा चला आ रहा था। छः माह पूर्व जब शेष कुमारी का बीमारी से निधन हो गया तो उक्त जमीन प्रभुनाथ तिवारी के बड़े बेटे नपेन्द्र तिवारी के नाम आ गयी थी। इधर कुछ भूमाफियाओं ने उक्त जमीन पर अवैध कब्जा करके खेती करने लगे। क्योंकि प्रभुनाथ तिवारी और उनका बेटा नपेन्द्र तिवारी दुःखो में डूबे हुए थे इसलिए उस जमीन पर उन्होने कोई ध्यान नही दिया। एक पखवारा पूर्व जब कुछ गांव वालों ने रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक प्रभुनाथ तिवारी को यह जानकारी दी कि आपकी जमीन पर दबंगो ने कब्जा करके उस पर खेती कर रहे हैं उक्त षिकायत के बाद जब प्रभुनाथ तिवारी अपने बेटे के साथ में मौके पर पहुंचे तो षिकायत सही थी। स्थानीय एक दबंग ने उस पर धान की फसल लगा रखी थी। प्रभुनाथ तिवारी अपने पुत्र को साथ में लेकर थाना कोठी गये और थाना प्रभारी अरुण कुमार सिंह को लिखित षिकायती पत्र दिया। थाना प्रभारी ने दबंग को थाने में बुलाकर पूछतांछ की और जब सारी हकीकत सामने आ गयी तो थाना प्रभारी ने दबंग को यह चेतावनी दी कि जो तुम जबरदस्ती फसल बो रखी है उस फसल पर वैसे ही खड़ी रहने देना काटना नही और उन्होने यह भी कहा कि थाना समाधान दिवस पर इसका निस्तारण किया जायेगा।

संजोग से पिछले समाधान दिवस पर जब रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक ने अपना षिकायती पत्र थाने पर दिया तो उस दिन थाना प्रभारी अरुण कुमार सिंह किसी निजी कार्य से छुट्टी लेकर चले गये थे। कार्यवाहक थाना प्रभारी ने प्रभुनाथ तिवारी का मामला कोठी राजस्व निरीक्षक को सौंप दिया और यह कहा कि मौके पर जा करके जांच पड़ताल कर लो और उक्त जमीन पर इनका कब्जा करवा दो। लेकिन राजस्व निरीक्षक और हल्का लेखपाल राहुल कनौजिया ने इस मामले में लीपा पोती करनी शुरु कर दी। कई दिनों तक इन दोनो लोगों ने रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक यह कहकर टहलाते रहे कि आज समय नही है पुलिस दल नही है इसलिए मौके पर नही आ सकते हैं। इधर दबंग ने अपनी दबंगई दिखाते हुए प्रभुनाथ तिवारी के खेत में लगी हुई धान की फसल काटकर उठा ले गये। पीड़ित राजस्व निरीक्षक का कहना है कि मैने अपने कार्यकाल में सैकड़ो पीड़ितों को न्याय दिलाने में कोई कोताही नही बरती और पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन किया था।

लेकिन आज हालात यह हैं कि जमीन मेरे नाम है कागजात मेरे पास हैं लेकिन मेरी जमीन पर जबरदस्ती दबंग ने अवैध कब्जा कर रखा है और उस पर खेती कर रहे हैं। पीड़ित ने यह भी बताया कि मेरे बेटे ने इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी हैदरगढ़, क्षेत्राधिकारी हैदरगढ़ से लेकर उच्चाधिकारियों को दर्जनों षिकायती पत्र दिए हैं लेकिन नतीजा सिफर है। पीड़ित ने यह कहा कि कोठी पुलिस न तो दबंग के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर रही है और न ही राजस्व कर्मी मेरी जमीन पर मुझे कब्जा दिलवा रहे हैं। लगता है न्याय पाने के लिए अब मुझे अपने परिवार सहित जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अनषन करना पड़ेगा। वहीं जब थाना प्रभारी कोठी से जानकारी की गयी तो उनका कहना था कि षिकायती पत्र मिला था जमीनी मामला है इसका निस्तारण राजस्व विभाग ही करेगा। कुल मिलाकर जब एक रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक अपनी जमीन पाने के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहा है तो आम पीड़ित को कैसे न्याय मिलता होगा यह सोचने की बात है।

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