नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल में हादसे के बाद सरकार और एजेंसियां कार्रवाई की बात तो कर रही हैं, लेकिन इसका असर कोचिंग सेंटर और पुस्तकालय संचालकों पर दिखाई नहीं दे रहा है।
अब हादसे के सात दिन बाद छात्र पढ़ाई के लिए पुस्तकालयों में जा रहे हैं तो उनसे दोगुना तक फीस मांगी जा रही है। छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी है, लेकिन मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है।
राव आईएएस स्टडी सर्किल में तीन छात्रों की डूबकर मौत के बाद दिल्ली नगर निगम ने एक के बाद कार्रवाई की है। बेसमेंट में चल रहे सभी पुस्तकालयों को सील कर दिया गया है। पुस्तकालय संचालकों ने छात्रों को सामान उठाने के लिए कहा है। 16 जून को हुई प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम जारी हो चुके हैं।
20 सितंबर को मख्य परीक्षा आयोजित होनी है। अब छात्रों को पढ़ाई की चिंता सता रही है। एक छात्र ने कहा, ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में 80 प्रतिशत पुस्तकालय बेसमेंट में थे। अब जो पुस्तकालय पहले, दूसरे या तीसरे तलों पर स्थित हैं, उनके संचालक मनमानी पर उतारू हो गए हैं। धरना स्थल के सामने स्थित एक पुस्तकालय, जिसकी फीस 2700 रुपये थी।
अब 18 घंटे के लिए महीने का 3500 रुपये शुल्क मांग रहा है। अगर 24 घंटे के लिए छात्र पुस्तकालय में पंजीकरण कराना चाहता है तो उससे पांच हजार रुपये मांगें जा रहे हैं। एक छात्र संकेत ने कहा, विद्यार्थियों की जान गई है और वे व्यवस्था में बदलाव चाहते हैं, लेकिन इसकी कीमत उन्हें ही चुकानी पड़ रही है। अब उसने पुस्तकालय के लिए अधिक फीस मांगी जा रही है और वे चाहकर कुछ नहीं कर सकते। उन्हें पढ़ना है तो बढ़ी फीस देनी ही होगी।
संजय सिंह ने की मुलाकात, 10 छात्रों के मांगे नाम
आप नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बृहस्पतिवार को राव आईएएस स्टडी सर्किल के बाहर धरना दे रहे छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने सरकार की ओर से कोचिंग सेंटरों के लिए मानक तय करने के लिए नए कानून बनाए जाने की जानकारी दी। उन्होंने छात्रों से कहा कि आप आने बीच से 10 नाम सरकार को भेजिए।
इनको लेकर विधानसभा में चर्चा होगी और इनसे बातचीत के बाद कानून बनाया जाएगा। उधर, छात्रों का कहना है कि मृतक छात्रों के स्वजन को राव आइएएस की ओर से एक-एक करोड़ का मुआवजा दिया जाना चाहिए।
मकान मालिक और ब्रोकर के नेक्सस को तोड़ना चाहिए। किराये के मानक भी तय होने चाहिए। छात्रों का कहना है कि यह मांगें पूरी होने तक वे धरने पर डटे रहेंगे। बता दें कि छात्रों ने 29 जुलाई को एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की थी और यही मांगें दोहराईं थीं।