नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और अडानी समूह ने अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया है।
सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक बयान में इसे इसे ‘निराधार’ और ‘चरित्र हनन’ का प्रयास बताया। बयान में दोनों ने कहा कि उन्हें किसी भी वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को अपनी नवीनतम रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की अडानी के ‘धन हेराफेरी घोटाले’ में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी।
वहीं अडानी ग्रुप की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि हिंडनबर्ग के आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़ करने वाला उपयोग है, ताकि तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफ़ा कमाने के लिए पूर्व-निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
अडानी समूह इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करता है। यह बदनाम करने का दोबारा किया गया प्रयास है। मामले में पहले ही गहन जांच की जा चुकी है जिसमें आरोप निराधार साबित हुए हैं और सर्वोच्च न्यायालय ने भी जनवरी 2024 में इन्हें पहले ही खारिज कर दिया है।