सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर भारत पहुंचे हैं. उनका यह दौरा भारत-सऊदी अरब के बीच गहरे होते कूटनीतिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, और सुरक्षा संबंधों को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से हो रहा है. इस दौरान प्रिंस फैसल, भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद (SPC) की राजनीतिक, सुरक्षा, सामाजिक और सांस्कृतिक समिति की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, साथ ही वो भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रिंस फैसल का स्वागत किया और साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी. जायसवाल ने बताया कि यह यात्रा दोनों देशों के लिए बहुमुखी सहयोग को विस्तार देने का एक बड़ा अवसर साबित होगी. दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा और सामाजिक संबंधों को लेकर SPC समिति की बैठक महत्वपूर्ण है, जहां व्यापक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
एस जयशंकर का साथ करेंगे बैठक
इस दौरे के दौरान प्रिंस फैसल की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. दोनों नेताओं की बैठक हैदराबाद हाउस में होगी, जहां क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर भी बातचीत की संभावना है. इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान भारत-सऊदी संबंधों में ऊर्जा सुरक्षा, व्यापार, निवेश, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के प्रयास किए जाएंगे. सऊदी अरब, भारत के लिए एक प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता है और इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिए जाने की उम्मीद है.
प्रवासी भारतीयों पर भी हो सकती है चर्चा
सऊदी अरब में रह रहे भारतीय प्रवासी वहां के समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं. इस यात्रा से प्रवासी भारतीयों के लिए और बेहतर सुविधाएं तथा सहयोग के अवसर खुल सकते हैं. इसके अलावा, सऊदी अरब में काम करने वाले भारतीयों के लिए रोजगार और जीवनशैली से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की जा सकती है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और भी गहरे हो सकें.
प्रिंस फैसल की ये यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
प्रिंस फैसल बिन फरहान अल-सऊद की यह भारत यात्रा, दोनों देशों के कूटनीतिक और आर्थिक हितों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है. यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करेगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत-सऊदी सहयोग को मजबूती प्रदान करेगी. इस यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है, जिससे द्विपक्षीय संबंध नए आयामों को प्राप्त करेंगे.