ISRO की सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं वायनाड भूस्खलन की भयानक तबाही

नई दिल्ली। केरल के वायनाड जिले में लगातार भारी बारिश के कारण भयानक भूस्खलन हुआ है। इस आपदा में अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं और कई अभी भी फंसे हुए हैं। भूस्खलन के बाद वायनाड में पूरे के पूरे चार गांव साफ हो गये हैं।

भारी बारिश के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कीचड़, चट्टानों और पेड़ों के बड़े-बड़े टुकड़ों की वजह से रेस्क्यू करने में बचावकर्मियों को काफी परेशानी हो रही है। इस भूस्खलन ने घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचाया है। वहीं कई नदियां उफान पर हैं। लापता लोगों को खोजने और बचाने के लिए सभी संभव संसाधनों के साथ अभियान जारी है।

सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से सामने आया भयानक मंजर
इस बीच, भारतीय सैटेलाइट द्वारा ली गई हाई रेज़ोल्यूशन तस्वीरों से वायनाड में भूस्खलन से हुई व्यापक क्षति और तबाही का पता चलता है। बचाव कार्य जारी रहने के बावजूद 200 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। सैटेलाइट की पहले और बाद की तस्वीरों से पता चलता है कि लगभग 86,000 वर्ग मीटर जमीन खिसक गई और मलबा इरुवाइफुझा नदी के किनारे लगभग 8 किलोमीटर तक बह गया।

पुराने भूस्खलन के सबूत भी किए गए पेश
दिलचस्प बात यह है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की रिपोर्ट में भी उसी स्थान पर एक पुराने भूस्खलन के सबूत भी पेश किए गए हैं, जो यह बताता है कि जमीन की कमजोरी को दस्तावेजों में दर्ज किया गया था।

1550 मीटर की ऊंचाई पर शुरू हुआ था भूस्खलन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक हिस्से, हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र ने अपने उच्चतम रिज़ॉल्यूशन वाले कार्टोसैट-3 ऑप्टिकल उपग्रह और RISAT उपग्रह को तैनात किया है जो बादलों के आवरण के पार देखने में सक्षम है। अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि भूस्खलन समुद्र तल से 1550 मीटर की ऊंचाई पर शुरू हुआ था।

एनआरएससी की रिपोर्ट में कहा गया है कि केरल राज्य के वायनाड जिले के चूरलमाला शहर में और उसके आसपास भारी वर्षा के कारण बड़े पैमाने पर मलबा बह गया।

सैटेलाइट तस्वीरों से भविष्य में मिलेगी मदद
आपको बता दें कि यह सैटेलाइट तस्वीरों से प्राप्त निष्कर्ष न केवल तत्काल बचाव प्रयासों में सहायक होंगे, बल्कि क्षेत्र की भूवैज्ञानिक कमजोरियों को समझने में भी योगदान देंगे। साथ ही संभावित रूप से भविष्य में आपदा तैयारी और शमन रणनीतियों के लिए जानकारी प्रदान करने में भी मदद करेंगे।

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