सारथी वाहन एवं जन – जागरूकता रैली को सीएमओ ने दिखाई हरी झंडी

जिला महिला अस्पताल में प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपति की शान

बलिया। विश्व जनसंख्या दिवस पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजयपति द्विवेदी एवं परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.आनन्द कुमार ने एएनएम प्रशिक्षण केंद्र से सारथी वाहन एवं जन- जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जन -जागरूकता रैली में एएनएम प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षु एएनएम ने भाग लिया। रैली टाउन इंटर कॉलेज चौराहे पर जाकर समाप्त हुई। इसके साथ ही जिला महिला चिकित्सालय में परिवार नियोजन साधनों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में परिवार नियोजन की सेवाओं का स्टॉल लगा था।

इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजयपति द्विवेदी ने कहा कि विश्व में बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिगत जन समुदाय को परिवार नियोजन एवं उसकी सेवाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को यूएनडीपी की ओर से 1989 में प्रथम बार मनाया गया था।

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. आनन्द कुमार ने कहा कि इस दिवस पर परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जाता है। कम समय में गर्भ धारण करने से महिला के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह मातृ और शिशु मृत्यु-दर का प्रमुख कारण भी है। उन्होंने बताया कि सेवा प्रदायगी चरण आज शुरू किया गया है जो 31 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान शहर एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतरा, छाया, कंडोम, माला एन, पीपीआईंयूसीडी, इंटरवल आयूसीडी की सेवाएं प्रदान की जाएंगी। पखवाड़े के दौरान जनसाधारण का संवेदीकरण किये जाने के लिए विभिन्न स्तरों पर व्यापक व सघन प्रचार-प्रसार करना है। विभिन्न प्रचार-प्रसार साधनों के माध्यम से उचित उम्र पर विवाह, बच्चों के जन्म में अंतर रखने, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन की सेवाएँ, परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, गर्भ समापन पश्चात परिवार नियोजन की सेवाओं के संदर्भ में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने पर बल देते हुए बताया कि बिना चीरा बिना टांका पुरुष नसबंदी आसानी से की जाती है। इससे पुरुष के स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।

परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी ने बताया कि मिशन परिवार विकास का मुख्य उद्देश्य है गुणवत्तापूर्वक परिवार नियोजन विकल्पों के लिए सूचना, सेवाएँ, आपूर्ति तक अधिकार आधारित प्रणाली द्वारा पहुँच बढ़ाना। बलिया जिले को मिशन परिवार विकास में शामिल किया गया है। जिले में पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी को 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वही प्रसव के पश्चात नसबंदी के लिए महिला लाभार्थी को 3000 रुपये दिए जाते हैं। अस्थाई विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात उपरांत आईयूसीडी जिसको सरल भाषा मे कॉपर-टी कहा जाता है। उसके लिए लाभार्थी को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

उन्होंने बताया कि जिले की समस्त हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर स्टॉल लगाकर लोगों को सीएचओ द्वारा परिवार नियोजन साधनों के बारे में जानकारी और परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि सुनहरे भविष्य के लिए आमजन को अभी से परिवार नियोजन के साधन अपनाने के बारे में सोचना होगा| इसके लिए उपलब्ध स्थाई और अस्थाई साधनों का चयन अपनी मर्जी से करना होगा कि किसे, कब और कौन-सा साधन अपनाना चाहिए। इसी क्रम मे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सियर पर अधीक्षक डॉ. राकेश सिंह द्वारा महिला नसबंदी शिविर आयोजित किया गया जिसमें लाभार्थियों को महिला नसबंदी की सेवा परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.आनन्द कुमार द्वारा प्रदान की गयी।

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