जगदीशपुर अमेठी। गर्भ से लेकर बच्चों को जन्म तक जो संस्कार दिए जाते हैं ठीक उसी सांचे में बच्चे ढल जाते हैं वास्तव मे संस्कार ही सुंदर आचरणों की जननी है उक्त बातें अयोध्या से पधारी कथा वाचिका देवी राज नंदिनी ने दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर कोठी मे चल रही सप्त दिवसीय श्री राम कथा के दौरान कही उन्होने भक्तो को अमृत रूपी कथा का रसपान कराते हुए आगे कहा कि भक्त प्रह्लाद को मां के गर्भ मे ही ज्ञान प्राप्त हुआ था इसलिए बच्चे के गर्भ से लेकर जन्म तक जो संस्कार माता पिता व संतो द्वारा दिए जाते हैं वही प्रभाव बच्चो पर पडता है यदि संस्कार ना मिला तो वह बच्चे आगे चलकर भयंकर भ्रष्टाचार करने के बाद भी अपना सीना चोडा करके चलते हैं परंतु अंतोगत्वा भगवान के सामने जाकर झुकना पडेगा व अपने कर्मो का फल भोगना निश्चित है देवी राज नंदिनी ने रामजन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि अच्छे आचरणों का प्रभाव है कि प्रात काल उठके रघुनाथा मात पिता गुरू नावहिं माथा भगवान के बाल चरित्र का प्रसंग सुनकर वहां उपस्थित भक्तगण भावविभोर हो गए ।इस मौके पर राम कथा आयोजक अश्वनी कुमार पांडेय ,बलराम कौशल, मान सिंह राठौर, हरी शंकर, राम कुमार, पवन कुमार, रमेश आदि सैकडो लोग उपस्थित रहे ।