Saint Premanand : काफी विवाद के बाद शुरू हुई, संत प्रेमानंद की पदयात्रा !

Saint Premanand : प्रसिद्ध संत प्रेमानंद की पदयात्रा एक बार फिर शुरू हो गई है, जिसे लेकर ब्रजवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। संत प्रेमानंद की पदयात्रा ब्रज क्षेत्र में धार्मिक आस्था और भक्ति का प्रतीक मानी जाती है, और इस बार फिर से यात्रा का आरंभ होने से लोग बेहद उत्साहित हैं। पद्यात्रा के दौरान संत प्रेमानंद विभिन्न स्थानों पर जाते हैं, जहां वह भक्तों को उपदेश देते हैं और उनके बीच भक्ति का प्रसार करते हैं। संत के साथ चलने वाले भक्तों की भीड़ बढ़ गई है, और हर जगह भक्तों का उत्साह और श्रद्धा देखने को मिल रही है। ब्रजवासियों का कहना है कि संत प्रेमानंद के दर्शन और उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं उनकी जीवन को और भी सार्थक बनाती हैं। उनकी पदयात्रा को लेकर क्षेत्र में एक सकारात्मक ऊर्जा का माहौल बना हुआ है। लोग इस यात्रा को अपने जीवन में आशीर्वाद की तरह मानते हैं और इस अवसर का लाभ उठाने के लिए यात्रा के मार्ग पर इकट्ठा हो रहे हैं। संत प्रेमानंद की पदयात्रा को लेकर प्रशासन भी सक्रिय है, ताकि यात्रा के दौरान भक्तों की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा सके।

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ब्रजवासियों की अपार श्रद्धा और अनुरोध को देखते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा का मार्ग बदलते हुए इसे अब एनआरआई सोसाइटी के सामने से निकाला। इस बदलाव से क्षेत्र के भक्तों में अपार खुशी का माहौल है, क्योंकि अब वे महाराज के दर्शन और आशीर्वाद का लाभ अपने पास ही ले सकेंगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए, जिन्होंने संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए और पुण्य लाभ अर्जित किया। यात्रा के मार्ग पर भक्तों का उत्साह और श्रद्धा देखते ही बनती थी। सभी भक्त इस अवसर को बेहद पवित्र मानते हुए संत के साथ अपने संबंध को और भी प्रगाढ़ करने की कोशिश कर रहे थे। संत प्रेमानंद महाराज ने अपने उपदेशों के दौरान सभी को आत्मिक शांति और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनकी पदयात्रा ब्रजवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और आध्यात्मिक घटना बन चुकी है, और लोग इसे बड़े हर्ष और श्रद्धा के साथ पूरा करते हैं।

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संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान भक्तजन भजन-कीर्तन करते हुए संत महाराज के साथ चलते रहे। श्रद्धालुओं का उत्साह इस यात्रा में चार चांद लगाते हुए हर कदम पर आस्था और भक्ति का माहौल बना रहा। भक्तों ने मार्ग में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर संत महाराज का भव्य स्वागत किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। संत प्रेमानंद महाराज ने भी इस प्यार और श्रद्धा से अभिभूत होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने अपने उपदेशों में भक्तों को भक्ति के मार्ग पर चलने और अपनी आत्मा को शुद्ध करने की प्रेरणा दी। संत के दर्शन से ब्रजवासियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और हर व्यक्ति अपनी जीवन यात्रा को पवित्र बनाने के संकल्प के साथ वापस लौटे। यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान थी, बल्कि एक सामूहिक भक्ति की अभिव्यक्ति भी थी, जिसमें हर भक्त ने संत के साथ अपने आध्यात्मिक संबंध को और मजबूत किया।

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