वाराणसी के मंदिरों में स्थापित साईं प्रतिमा को लेकर संग्राम छिड़ गया है. अब तक 14 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटा दी गई है. प्रसिद्ध बड़ा गणेश मंदिर से भी साईं प्रतिमा हटाई गई है. जानकारी के अनुसार सनातन रक्षक सेना के अजय शर्मा के नेतृत्व में यह कार्य किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार हिंदू संगठनों के निशाने पर 28 और मंदिर हैं. हिंदू संगठनों का आरोप है कि साईं मुस्लिम है. उनका सनातन धर्म से कोई रिश्ता नहीं, इसलिए हटाई प्रतिमा जा रही है.
संगठनों का कहना है कि साईं पूजा का विरोध नहीं है लेकिन मंदिरों में मूर्ति नहीं लगने देंगे.
जैसा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश हुआ था कि साईं बाबा को चांद बाबा बुलाया जाए. इसी क्रम में रविवार को वार्ता के बाद साईं प्रतिमाओं को मंदिरों से हटाया गया.
‘इन कामों में लिप्त न रहें…’
जब प्रतिमा स्थापित हो रही थी तभी इसका विरोध होना चाहिए था. जब मूर्ति बैठी तब विरोध करना चाहिए था. आज आखिरकार मूर्ति को हटाया गया. इससे पहले श्रावण मास के दौरान कथा करने आए एक पंडित जी ने कहा था कि यह प्रतिमा नहीं होनी चाहिए. मैं ब्राह्मण समाज को कहता हूं कि इन कामों में लिप्त न रहें. जिनको भी साईं बाबा को पूजना है, वह मंदिर बनाकर स्थापित करें, पूजा करें , इसका कोई विरोध नहीं है.
लोगों के शिरडी साईं बाबा जाने के सवालों पर दीपक ने कहा कि हिन्दू धर्म, सभी मानने वाला है. इसलिए लोग शिरडी भी जाते हैं. कोई गलत बात नहीं है. जिसको जहां दर्शन करना हो करें. किसी की निजी जिन्दगी में कोई हस्तक्षेप नहीं है.
एक और शख्स ने इस संदर्भ में कहा कि जब यह प्रतिमा हटी तब प्रशासन से कोई नहीं था. यह अभियान शंकराचार्य के निर्देश पर चल रहा है. साईं बाबा के लिए अनादर नहीं है, उनका अलग से स्थान होना चाहिए. बड़ा गणेश मंदिर से प्रतिमा हटा दी गई है.
अजय शर्मा ने क्या कहा?
अजय शर्मा ने कहा कि 14 मंदिरों से साई की मूर्ति हटाई जा चुकी है आगे कई मंदिरों से साई मूर्ति हटाया जाएगा. बड़ा गणेश मंदिर परिसर में पीछे आनंदेश्वर महादेव के बगल में सन 2013 में साई मूर्ति की स्थापना किया गया था. सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि वह भी पहले साई की परिक्रमा फेरी लगाते थे लेकिन पिछले 6 साल से उन्होंने साई यानी कि प्रेत पूजा बंद कर दिया है.