जैदपुर बाराबंकी। जिले के कदीमी कस्बा जैदपुर मे हर साल की तरह इस साल भी आज रसूले खुदा स.व.स. के नवासे हजरत इमाम हुसैन अ. की मदीने से कर्बला सफर करने की याद मे 28 रजब को निकलने वाला सफरे इमामे हुसैन अ. का जुलूस पूरी अकीदत और एहतराम के साथ निकाला गया।इस अवसर पर अजादार काले कपड़े धारण किये हुए या हुसैन या हुसैन की सदा लगाते हुए जुलूस के साथ साथ चल रहे थे।आप को बताते चले कि आज से लगभग 14 सौ साल पहले रसूले खुदा स.व.स. के नवासे इमाम हुसैन को इराक के कर्बला के मैदान मे उस वक्त के जालिम बादशाह के हुक्म पर उसकी फौजो द्वारा तीन दिन का भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था और उनके परिजनो जिसमे महिलाए और छोटे छोटे बच्चे भी शामिल थे उनको बन्दी बनाकर लगभग एक वर्ष तक कैद मे रखा था।जालिम बादशाह यजीद ने यह सब इसलिए किया था क्योकि जब वह तख्त पर बैठा तब उसने अपने मदीने के गवर्नर को इमाम हुसैन से बैयत लेने को कहा तब इमाम हुसैन ने उसके गवर्नर से कहा था कि मुझ जैसा उस जैसे कई बैयत नही कर सकता।इमाम हुसैन ने यह इसलिए कहा था क्योकि यजीद के अन्दर हर तरह की बुराई थी जिसको इस्लाम धर्म मे करने से मना किया गया था।यजीद चाहता था कि इमाम हुसैन उसकी बैयत कर ले ताकि उसकी बुराईयो पर लोगो का ध्यान न जाये।लेकिन इमाम हुसैन ने बैयत से इंकार कर और अपनी व अपने परिजनो की कुर्बानी देकर यजीद को बेनकाब और मदीने से कर्बला की तरफ हिजरत की थी।उनकी इसी हिजरत की याद मे उक्त जुलूस निकाला जाता है।कस्बे के मोहल्ला पचदरी मे सुबह लगभग 9 बजे जुलूस निकलने से पहले पचदरी मस्जिद मे मजलिसे अजा को खिताब करते हुए मौलाना सैय्यद हसनैन बाकिरी जौरासी ने कहाकि अल्लाह ने कामयाबी का राज़ हिजरत मे रखा है।उन्होने आगे कहाकि अगर इमाम हुसैन की अजादारी करनी है तो इमाम हुसैन के मकसद को समझना होगा और उनके मकसद को समझने के लिए वाजिबाद के साथ साथ समाजी हुकुक की अदायगी भी करना इमाम हुसैन के मकसद मे शामिल है।हमे इमाम हुसैन के मकसद को समझना है तो हमको अपने पड़ोसी के हुकुक को लेकर इंसानियत का हर वह काम करने होगा जो इमाम हुसैन ने अपने अमल के द्वारा हमे बताया है।इमाम हुसैन ने बैयत से इंकार करके दीन बचाने के लिए कर्बला की तरफ सफर किया।इमाम हुसैन के इनकार का असर है कि किसी जालिम की हिम्मत न हुई कि फिर किसी हक परस्त से बैयत का सवाल करे।मजलिस के फौरन बाद अंजुमन दस्त ए हैदरी के तत्वावधान मे जुलूस बरामद हुआ।जुलूस मे आगे आगे शबीहे जुलजनाह,अमारी,झूला हजरत अली असगर,अलम मुबारक आदि मौजूद थे।जुलूस के दौरान अंजुमन दस्त ए हैदरी के नौहाख्वान जैगम अब्बास द्वारा नौहाख्वानी और नौजवान दस्ते द्वारा सीनाजनी के साथ ही जंजीर का मातम कर नजराने अकीदत पेश की गयी।वही बैरूनी अंजुमन गुलदस्त ए हैदरी लखनऊ व गुंचए अब्बासिया बाराबंकी द्वारा भी नौहाख्वान व सीनाजनी की गयी।उक्त कदीमी जुलूस बांध चौराहा,मुख्खिन,गढ़ी जदीद, छोटी बाजार,छोटा इमामबाड़ा,बड़ी सरकार,बड़ी बाजार, थाना चौराहा होते हुए शबीह कर्बला पहुंचकर समाप्त हुआ।जहा जुलूस की अलविदाई मजलिस को मौलाना जावेद हैदर ने खिताब करते हुए मसाएब बयान किये।जुलूस की समाप्ति पर अंजुमन दस्त ए हैदरी के औहदेदारानो और सभी सदस्यों ने आये हुए अजादारो का शुक्रिया अदा किया।वही जुलूस के दौरान पूर्व चेयरमैन रियाज अहमद द्वारा पचदरी मस्जिद पर पानी व शर्बत,समाजसेवी मोहम्मद सालिम द्वारा अपने प्रतिष्ठान हीरो शोरूम भानमऊ रोड पर चाय,पानी की बोतल,शर्बत, बिस्कुट के पैकेट अजादारो मे तकसीम किये गये।इसके अतिरिक्त भी जुलूस मार्ग पर जगह जगह अजादारो ने सबील का इंतेजाम किया गया था।