लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की देखरेख में सजकर तैयार हुए रूमी दरवाजा को जल्द ही विश्व पर्यटन स्थलों की सूची में जगह मिलेगी। पर्यटन विभाग की ओर से जारी पहल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने रूमी दरवाजा को विश्व पर्यटन स्थलों में पहुंचाने का प्रस्ताव तैयार किया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है। इससे पहले पर्यटकों को लुभाने के लिए रूमी दरवाजा के आसपास चांदनी लाइटें, गुम्बदों, बैठने को चौटखें इत्यादि को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग बनवायेगा। यही कारण है कि मोहर्रम के जुलूस के लिए कुछ घंटों के लिए खोले गये रूमी दरवाजा को पुन: बंद कर दिया गया।
बंद होने के बाद से रूमी दरवाजा को व्यवस्थित रूप देने का कार्य किया जा रहा है। दरवाजे के नीचे से आने जाने पर रोक है। रूमी दरवाजा के पीछे बड़ा इमामबाड़ा और सामने छोटा इमामबाड़ा स्थित है। इस क्षेत्र को हेरिटेज जोन के तहत तैयार करने का कार्य एक वर्ष से रफ्तार पकड़ चुका है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से जुड़े अधिकारियों ने कुछ दिन पहले रूमी दरवाजा का निरीक्षण किया था और उस वक्त उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि रूमी दरवाजा पहले लखनऊ और उत्तर प्रदेश तक सीमित था, जिसे भारत के पटल पर लाया गया। जिससे पर्यटन के लिए आने वाले लोग रूमी दरवाजा देखने आये। अब इसे विश्व पर्यटक स्थलों में शामिल करने की तैयारी है।
इसके लिए रूमी दरवाजे की नक्काशी, आकृति की सौंदर्यता और नये रंग के साथ नया आकर्षण देने का प्रयास किया गया है। इसके आसपास लोगों और पर्यटकों के लिए खानपान की वस्तुओं की बिक्री के लिए कैंटीन, स्थायी प्रदर्शनी और पर्यटकों के लिए विशेष रूप से व्याख्या केंद्र की स्थापना होगी।