इंदौर से ताल्लुक रखने वाली रोहिणी घावरी ने यूएन में राम मंदिर का किया जिक्र

नई दिल्ली। इंदौर के सफाई कर्मचारी की बेटी रोहिणी घावरी सुर्खियों में हैं। स्विट्जरलैंड में पीएचडी कर रही रोहिणी ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि हैं।

उन्होंने यूएन में राम मंदिर का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को जबरदस्त तरीके से लताड़ लगाई है। राम मंदिर को लेकर पाकिस्तान की ओर से काफी निगेटिव कमेंट्स किए गए थे, जिसका रोहिणी ने जवाब दिया है।

रोहिणी ने यूएन में राम मंदिर का किया जिक्र

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मंच से जय श्री राम का उद्घोष करते हुए राम मंदिर, आस्था और सद्भाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का दिन न केवल भारतीयों के लिए बल्कि दुनियाभर में बसे हिंदुओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन रहा है।

रोहिणी ने कहा,”भारत आध्यात्मिकता के क्षेत्र में हमेशा विश्वगुरु रहा है। अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में नए मुकाम हासिल करने के साथ हम विकास और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन का सबसे अच्छा उदाहरण बन गए हैं। भारतीय न्यायपालिका ने समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा किए बिना श्री राम जन्मभूमि पर लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करके अपनी ताकत सिद्ध की है।”

उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम मंदिर आस्था, एकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के अलावा राम मंदिर का बड़ा आर्थिक महत्व भी है।

ट्रोलर्स को रोहिणी ने लगाई लताड़

रोहिणी के इस भाषण से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है। इसके अलावा कुछ लोगों  के जरिए सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल भी किया जा रहा है। सोशल मीडिया हैंडल X पर  #shameOnYouRohini ट्रेंड होने लगा।हालांकि, रोहिणी ने इन ट्रोलर्स को जवाब देते हुए एक पोस्ट में लिखा,”मैं हमेशा आपसी भाईचारे एकता की बात करूंगी जितना ट्रोल करना है करते रहो।”

उन्होंने पोस्ट करते हुए अपने भाषण की पूरी जानकारी दी।

सभी रामभक्तों को Unitednations से मेरा जयश्री राम 🙏🏻

अपने देश में आपसी भाईचारा बढ़ाए जाने के मक़सद से एवं पाकिस्तान द्वारा UN में राम मंदिर पर नेगेटिव बोलने पर मेरा जवाब सुनिए !

मैं चाहती हूँ हम सभी आपस में मिलजुल कर रहे और देश की तरक़्क़ी में योगदान दे !!

कौन हैं रोहिणी घावरी?

रोहिणी मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली हैं। वो वंचित समाज से ताल्लुक रखती हैं। रोहिणी एक शिक्षाशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्हें जेनेवा (स्विट्जरलैंड) में पढ़ाई करने के लिए भारत सरकार से 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है। वो बाबा भीमराव अंबेडकर के विचारों को मानती हैं।

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