हमीरपुर : केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में ट्रक यूनियनों से लेकर प्राइवेट वाहन चालकों ने भी गाड़ियां खड़ी कर दी। रोडवेज बसों के चक्के भी नहीं मिले। इसकी वजह से सारा दिन आवाजाही को लेकर लोग परेशान रहे। रोडवेज बसों के चक्के थमने से हमीरपुर और राठ डिपो को करीब 18.50 लाख की चपत लगी है। मौदहा में हाईवे जाम करने पर तीन ड्राइवरों को पुलिस उठा ले गई, जिनके विरुद्ध शांतिभंग की कार्रवाई की गई है।
स्थानीय डिपो के प्रभारी एआरएम आरके पांडेय और स्टेशन इंचार्ज सुशीला सचान ने संयुक्त रूप से बताया कि सिर्फ दो बसें ही आज रूट पर निकल पाई। इनमें झांसी जाने वाली बस को उरई में रोक दिया गया, जबकि महोबा की ओर जाने वाली बस पहले तो जाम में फंसी रही, बाद में बमुश्किल अपने गंतव्य तो निकल पाई। डिपो की कोई भी यूनियन इस प्रदर्शन में शामिल तो नहीं है, मगर ड्राइवरों में नए एक्ट को लेकर डर है और वह रूट पर गाड़ी लेकर जाने से कतरा रहे हैं। आंदोलन की वजह से जगह-जगह चक्का जाम है और ट्रक ड्राइवरों सहित अन्य वाहनों के ड्राइवर भी प्रदर्शन में शामिल है, ऐसे में बसों में टूट-फूट का भी डर बना हुआ है। राठ डिपो के एआरएम राजेश सिंह ने बताया कि डिपो में 79 बसें है। जो अलग अलग तरीके से विभिन्न मार्गो पर चलाई जाती है। एक दिन में बसों के संचालन बंद रहने से तकरीबन 12 लाख रुपए का राजस्व का नुकसान हुआ है। शाम-शाम तक रोडवेज बसों के चक्के ज्यों के त्यों जाम रहे। इसकी वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कुछ वापस घरों को लौट गए तो कुछ प्राइवेट वाहनों, लोडरों में भूसे की तरह भरकर आते-जाते दिखाई दिए।