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Aligarh News : सड़क हादसों में हर साल बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, बावजूद इसके नाबालिगों के हाथों में दोपहिया वाहन की कमान सौंपे जाने का सिलसिला जारी है। विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिगों को बिना लाइसेंस और जरूरी प्रशिक्षण के दोपहिया वाहन चलाने की अनुमति देना सड़क सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में सरकार और संबंधित अधिकारियों को नाबालिगों के लिए सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है। सड़क हादसों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और सख्त चालान सिस्टम की जरूरत है, ताकि हादसों में कमी लाई जा सके। 1 जून 2024 से यूपी में 18 साल से कम उम्र के बच्चे वाहन चलाते मिले तो वाहन मालिक व अभिभावक पर कार्रवाई का आदेश है। बीएनएस के तहत 25,000 रुपये तक जुर्माना, वाहन को 12 माह के लिए सीज व अपराध करने वाले बच्चे 25 साल की उम्र तक लाइसेंस लेने के लिए अयोग्य घोषित किए जाएंगे।
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हाथरस हादसे में तीन भाई-बहनों सहित चार की मौत से सिस्टम के साथ-साथ अभिभावकों पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। न तो ट्रिपलिंग पर पुलिस वाले रोक रहे हैं न लगातार हो रहे हादसों के बावजूद अभिभावक ही बच्चों को वाहन देने से बाज आ रहे हैं। पिछले पांच साल में हादसों में 258 नाबालिगों की मौत हो गई है। उसके बावजूद नाबालिग व नवयुवा ट्रिपल राइडिंग कर फर्राटा भरते फिर रहे हैं। नया कानून लागू होने के बाद एक साल में अलीगढ़ जिले में अब तक 37 नाबालिगों के चालान हुए हैं। ट्रिपलिंग राइडिंग पर भी 15,670 चालान हुए हैं। कहने को हम सिस्टम को भला बुरा कहते रहें। लेकिन, जवाबदेही तो हमारी भी बनती है कि अपने नाबालिग बच्चों के हाथों में वाहन न थमाएं। अगर घर का नवयुवा दोपहिया लेकर फर्राटा भर रहा है और ट्रिपलिंग कर रहा है तो उसे हिदायत दें।
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