दीमा हसाओ में कोयला खदान में पानी भरने से फंसे मजदूरों को निकालने के लिए 7वें दिन भी राहत और बचाव कार्य जारी

अमस के दीमा हसाओ में तीन किलो मीटर उमरंगसों क्षेत्र में कोयला खदान में फंसे मजदूरों का पता लगाने के लिए अभी भी संयुक्त और बचाव अभियान जारी है. मजदूरों का पता लगाने के लिए भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, एनडीआरएफ समेत स्थानीय एजेंसियां जुटी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक, बचाव राहत टीम 4 शव निकालें हैं. वहीं खदान में पानी घुसने से 9 मजदूर फंस गए थे.

नेपाल के गंगा बहादुर श्रेथ के रहने वाले एक मजदूर के शव को 8 जनवरी को खदान से निकाल गया था. वहीं 11 जनवरी को और तीन मजदूरों के शव निकाले गए थे. वहीं कुछ मजदूरों के बारे में अभी भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. बचाव और राहत टीमें लापता मजदूरों का पता लगाने के लिए सातवें दिन भी सर्च अभियान में जुटी हैं.

गौरव गोगोई ने पीएम को लिखा पत्र
कोल इंडिया की 12 सदस्यीय बचाव टीम ने शुक्रवार को खदान ढहने की जगह पहुंची और मजदूरों का पता लगाने में जुट गई. वहीं इस घटना पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने खदान ढहने की जांच एसआईटी से कराने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने पीएम भेजे गए पत्र में लिखा है कि अवैध रैट होल कोयला खदान में हुई दुखद घटना के बारे में गहरी चिंता से लिख रहा हूं. खदान में पानी भ जाने से कई मजदूर फंस गए थे. उन्होंने ये भी लिखा की बचाव अभियान जारी है लेकिन फंसे मजदूरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही है.

अभी भी जारी है रेस्क्यू
3 किलो उमरांगसो क्षेत्र में कोयला खदान हादसे में मारे गए लिजेन मगर की पत्नी जुनू प्रधान कहा कि जिस दिन हादसा हुआ वो उनके काम का पहला दिन था. उन्होंने कहा कि परिवार में मेरे पति लिजेन मगर एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे. हमारे परिवार में मेरा एक 2 महीने का बच्चा है और मुझे नहीं पता कि अब हमारा भविष्य क्या होगा. 27 वर्षीय लिजेन मगर उन 9 श्रमिकों में शामिल थे, जो 6 जनवरी को रैट-होल कोयला खदान के अंदर फंस गए थे.

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