गोंडा के सुदूर गांव में महिलाओं को रिझा रही श्रेया वर्मा

बेनी बाबू की कर्म स्थली में मिल रहा जनसमर्थन, युवाओं संग किया सीधा संवाद

गोंडा। श्रेया वर्मा गोंडा लोकसभा क्षेत्र के सुदूर गांव का दौरा करके स्थानीय ग्रामीणों से संपर्क साधने में जुटी है। अभी तक श्रेया वर्मा को समाजवादी पार्टी के मंचों और पिता राकेश वर्मा के चुनाव प्रबंधन को संभालते देखा गया। लेकिन अब उनका राजनीति से सीधा जुड़ाव हो गया है। अखिलेश यादव ने श्रेया वर्मा को अहम जिम्मेदारी सौंपते हुए गोंडा लोकसभा का प्रत्याशी घोषित किया है। दिल्ली के लुटियंस जोन में बाबा स्व बेनी प्रसाद वर्मा के साथ रहकर संसदीय कार्य और राजनीति का ककहरा सीखकर आज गोंडा के सुदूर गांव में ग्रामीणों की आवाज बनकर उभरी हैं।

सहजता, सादगी, अपनापन के साथ लीक से हटकर करने की कोशिश। न कड़ी धूप की परवाह, न उड़ते धूल के गुबार की चिंता। महिलाओं और युवाओं संग सीधा संवाद। कुछ ऐसी ही छाप श्रेया वर्मा ने गोंडा लोकसभा क्षेत्र में अपने चुनावी दौरे के दौरान जनता के जेहनोदिल पर छोड़ी। श्रेया वर्मा को यह आचरण पीढ़ी दर पीढ़ी चली रवायत से मिला है, यह संस्कार अन्तःकरण में पलता है, इसके लिये कोई अतिरिक्त उपक्रम नहीं करना पड़ता। कल तक देहरादून और दिल्ली के कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई करने वाली लड़की आज गोंडा के सुदूर गांव की पगडंडियों, नुक्कड़ और चौराहों पर लोगों को समाजवादी पार्टी की नीतियां बता रही है।

श्रेया वर्मा जैसी बेटियां अपनी कई पीढ़ियों, तमाम रिश्तेदार नातेदारों के लिए इज़्ज़त का सबब बनती हैं। ज़माना इनके गांव की मिट्टी को चूमता है, जिसमे श्रेया वर्मा जैसी संवेदनशील, समर्पण, प्रेम और सेवा में लगी बेटी जन्म लेती हैं। इनका सहयोग कीजिए, इनके पीछे चलिए ताकि वह हमारे दौर की ताकतवर लीडर बन सके।

श्रेया वर्मा कहती है ‘मुझे गोंडा जिला बेहद पसन्द है, क्योंकि यहां के लोग बहुत मोहब्बती है। यहां की मिट्टी में मेरे बाबा (बेनी प्रसाद वर्मा) के पसीने की सोंधी खुशबू महसूस होती है। गोनर्द की धरा ने एक किसान के बेटे को तराशा, सँवारा और सियासत का अहम किरदार बनाया। यही वह जिला है जो मेरे परिवार के साथ साथ चलता रहा, अच्छे बुरे सब हालात में। यह मेरा सौभाग्य है कि गोंडा मेरी कर्मभूमि बनी है।

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