क्षेत्रीय वन कर्मचारी उच्चाधिकारियों को कर रहे गुमराह

सुसवाई में प्रतिबंधित दो पेड़ के मामले में कार्रवाई का दावा

रेंजर की छुट्टी का फायदा उठा रहे डिप्टी रेंजर भर रहे अपनी जेब

कोठी। सिद्धौर चौकी इंचार्ज व क्षेत्रीय वन अधिकारियों की मिली भगत से क्षेत्र में प्रतिबंधित पेड़ों की कटान तेज है। इसकी शिकायत पर जांच अधिकारी ही उच्चाधिकारियों को प्रतिबंधित पेड़ों के कटान के सापेक्ष कम संख्या बताकर गुमराह करने की रिपोर्ट भेजते हैं। ठेकेदार से रकम लेकर अपनी जेब भरने में तुले हुए हैं। ऐसा ही एक मामला सिद्धौर चौकी क्षेत्र के सुसवाई गांव का है। जहां करीब 5 दिन पहले प्रतिबंधित आम दो पेड़ को काटकर ठेकेदार उठा ले गया। इसकी शिकायत अधिकारी द्वारा एक पर कार्रवाई करने दावा है।
असंद्रा थाना संबंद्ध सिद्धौर चौकी विपिन सिंह राठौर की मिलीभगत से क्षेत्र के सुसवाई गांव में करीब 5 दिन पहले प्रतिबंधित आम के दो पेड़ सिद्धौर कस्बा का स्थानीय ठेकेदार काटकर उठा ले गया। इसकी शिकायत पर क्षेत्रीय बीट इंचार्ज जगदंबिका उर्फ पप्पू ने जांच की। लेकिन शनिवार देर शाम तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुनः शिकायत की। तस विभाग कार्रवाई का राग अलाप रहा है। लेकिन हकीकत इससे इतर है। क्योंकि हरख रेंजर प्रदीप सिंह की छुट्टी का फायदा डिप्टी रेंजर हरख वीर भगत सिंह को मिल रहा। क्योंकि सुसवाई गांव में हुई प्रतिबंधित पेड़ों के कटान के मामले में डिप्टी रेंजर वीर भगत व क्षेत्रीय बीट इंचार्ज जगदंबिका के कथन आपस में विरोधाभास है। बीट इंचार्ज पप्पू के मुताबिक प्रतिबंधित एक पेड़ पर लगभग कार्रवाई की गई बताया। वहीं डिप्टी रेंजर वीरभगत इससे उल्टे दोनों पेड़ों पर विधिक कार्रवाई का दावा कर रहे हैं। यूं कहें क्षेत्रीय वनकर्मी उच्चाधिकारियों को प्रतिबंधित पेड़ों के कटान की सापेक्ष कम संख्या बताकर अधिकारियों को गुमराह करते हैं। ठेकेदारों से मिलकर अपनी जेब में भर रहे हैं।

Related Articles

Back to top button