नोएडा। जो लोग अपने लिए नोएडा- ग्रेटर नोएडा में दो या तीन बीएचके फ्लैट देख रहे थे। लोकेशन पसंद कीमत भी जद में थी, लेकिन फ्लैट की रजिस्ट्री बंद होने की वजह से खरीदारी नहीं कर रहे थे। उन खरीदारों की जेब पर अचानक आर्थिक बोझ बढ़ गया है, क्योंकि अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को बिल्डरों ने स्वीकार कर लिया है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में फिर से तेजी बढ़ी है।
90 प्रतिशत बिल्डरों ने जमा कर दी 25 प्रतिशत धनराशि
बता दें कि प्राधिकरण में सिफारिश लागू होने के बाद बिल्डर व खरीदारों के बीच करीब 95 प्रतिशत समस्याओं का समाधान हो गया है। 90 प्रतिशत बिल्डरों ने प्राधिकरण में 25 प्रतिशत धनराशि जमा कर दी है। चरणबद्ध रूप में रजिस्ट्री करानी शुरू कर दी है।
इससे गौतमबुद्धनगर में प्रोमोटर्स की अलग-अलग परियोजनाओं में नोएडा में 12 हजार रजिस्ट्री का रास्ता खुला है। इसमें 1200 रजिस्ट्री अब तक हो चुकी। ग्रेटर नोएडा में 50 हजार से ज्यादा रजिस्ट्री की अनुमति प्राधिकरण से बिल्डरों को मिल चुकी है, जिसमें 14 हजार के करीब रजिस्ट्री शुरू कराई जा चुकी है।
रेडी टू मूव के साथ अब रजिस्ट्री वाले घर नया बेंचमार्क बन चुका है, जो निवेश को सुरक्षित बना रहा है। बता दें कि घर खरीदार भी केवल रजिस्ट्री होने वाले फ्लैट और सोसायटी में ही घर लेना चाहते है, लेकिन बाजार में दो व तीन बीएचके यूनिट्स रेडी टू मूव गिने-चुने बचे हैं।
बिल्डरों की रजिस्ट्री खुलने से बढ़े प्रॉपर्टी के रेट
बिल्डर रजिस्ट्री वाले फ्लैट्स की कीमत में पहले से औसतन 30-40 प्रतिशत की वृद्धि करके बिक्री कर रहे थे, लेकिन नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन कुछ सेक्टरों में फंसी बिल्डरों की रजिस्ट्री खुलने से अचानक प्रॉपर्टी के रेट एक साल के अंदर दो से तीन गुना तक बढ़ चुके है।
क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता ने बताया कि रजिस्ट्री होने से अब खरीदार भी अपनी प्रॉपर्टी को बेच सकेंगे, जो पहले संभव नही था। यह पूरे सेक्टर के लिए बहुत ही सकारात्मक संकेत है। बाजार पूरी तरीके से मांग सप्लाई पर टिका है।
घर खरीदार भी अब पहले से ज्यादा जागरूक है। कब्जा सहित रजिस्ट्री वाले घरों को प्राथमिकता दे रहे है। रजिस्ट्री खुलने के कुछ दूरगामी प्रभाव भी अभी से दिखने लगे है।
स्पोर्ट्स सिटी को छोड़ सभी सोसायटी में हो सकती रजिस्ट्री
यदि स्पोर्ट्स सिटी की परियोजनाओं को छोड़ दे तो पूरे गौतमबुद्ध नगर के हाउसिंग सोसायटी में रजिस्ट्री कराई जा सकती है। ऐसे में कुछ बिल्डर अब अपनी पुरानी परियोजनाओं की शेष भूखंड पर नए टावर लाने की योजना भी बना रहे है।
कुछ बिल्डर ऐसे भी है जो पूर्व निर्मित परियोजनाओं में शेष निर्माण और विकास कार्यों को जल्दी से पूरा करके ओसी / सीसी के साथ बची हुई यूनिटस अच्छे रेट में बेचने की तैयारी में है। आरजी ग्रुप, एक्स्प्रेस ग्रुप, इरोज ग्रुप सहित ऐसे कई बिल्डर्स है जो शेष भूखंड पर सीमित टावर का निर्माण करने जा रहे है।
खरीदारों ने सुविधाओं के आगे खर्च को पीछे छोड़ा
खरीदार अब अब भव्य प्रवेश द्वारों, शानदार सुविधाओं वाले क्लब हाउस, बढ़िया लैंडस्केपिंग, गेमिंग, स्पोर्ट्स, मनोरंजन क्षेत्र और यहां तक कि आने वाले मेहमानों के लिए आंतरिक सुविधाओं के बारे में भी सोच रहे है। इसलिए इन सुविधाओं पर ग्राहकों की ओर से खर्च करने से परहेज नहीं किया जा रहा हे।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन में शेष भूखंडों पर प्रीमियम सेगमेंट के यूनिटस का निर्माण करना तय किया है, जिससे ग्राहकों को लग्जरी फ्लैट बनाकर उपलब्ध कराया जा सके।
-हिमांशु गर्ग, निदेशक, आरजी ग्रुप।
किसी भी बिल्डर के लिए एक साथ पूरे भूखंड को विकसित करना आसान नही होता है। ऐसे में बिल्डर परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से विकसित करने लगे हैं, जिससे समय पर डिलीवरी दी जा सके।
-पंकज कुमार जैन, निदेशक, केडब्ल्यू ग्रुप।