अयोध्या। चैत्र नवरात्र के पहले दिन से ही भगवान रामलला सोने व चांदी की कढ़ाई वाले सूती वस्त्र धारण करेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने इंटरनेट मीडिया के जरिए यह जानकारी दी है। सूती वस्त्रों पर चांदी एवं सोने का हस्तशिल्प है। इसमें वैष्णव उपासना पद्धति के प्रतीक चिह्न का उपयोग किया गया है।
रामनवमी पर चार मिनट तक होगा रामलला का सूर्य तिलक
रामनवमी पर रामलला को सूर्य तिलक लगाने का पहला अभ्यास सोमवार को हुआ। सोमवार को दोपहर ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें मंदिर की दीवारों से गुजरती हुई गर्भगृह पहुंची, जो रामलला के ललाट पर पड़ीं। इसको कई बार दोहराया गया। रामनवमी पर दिन में दोपहर 12 बजे लगभग चार मिनट तक रामलला के माथे पर सूर्य किरणें पड़ेंगी।
विज्ञानियों का दल अंतिम रूप देने में जुटा
रुड़की के विशिष्ट विज्ञानियों का दल इसे अंतिम रूप देने में जुटा है। इससे जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि 13 व 14 अप्रैल तक अभ्यास पूरा कर लिया जाएगा। उपकरणों के साथ ही इसमें चार विभिन्न क्षमता के लेंस लगाए जा चुके हैं। मंदिर व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि सुबह से ही तैयारी थी और मध्याह्न आरती के दौरान इसका अभ्यास हुआ।