बदायूं। अयोध्या में राम मंदिर में मेरे राम की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में मेरे राम सेवा आश्रम पर सेवा और संस्कार को समर्पित श्री राम कथा का समापन दिवस पर पूज्य गुरुदेव रवि समदर्शी महाराज ने वाल्मीकि मिलन उनसे रहने का स्थान पूछना, दंडक वन पंचवटी में निवास सूर्पनखा का राम जी पर मोहित होना, खर दूषण बध,सीता हरण,जटायु मरण,शबरी मिलन,कवंध उद्धार, हनुमान मिलन सुग्रीव से मित्रता लंका दहन,भगवान को जानकी का संदेश,रामेश्वर लिंग स्थापना,अंगद को भेजना ,विभीषण का भगवान के साथ मिलना ,लक्ष्मण शक्ति ,कुंभकरण वध ,मेघनाथ वध रावण वध ,भगवान की अयोध्या वापसी और प्रभु का राजतिलक आदि की कथा का मार्मिक तरीके से वर्णन सुन श्रोता पूर्णाहुति हवन यज्ञ के साथ कथा विराम की गई,राम बहादुर सिंह,डा बी पी.सिंह,गंगा सिंह,रबिंद्र सिंह,विपिन सिंह,योगेश बजाज,अखिलेश,भानू चौहान,सतीश कश्यप,उत्पल,अवधेश महेश्वरी, अवधेश पाली,राजेश कुलदीप कश्यप ,धर्मेंद्र महेश्वरी,दिनेश पाली,रिंकू चौहान,राजू चौहान,दुष्यंत सोलंकी,राजेंद्र शर्मा,राजेश सिंह, अतुल सोलंकी ,सुनील सोलंकी,सुनील सिंह, राजीव राणा,नितिन शर्मा,संजीव सिंह,आदि सैकड़ों राम भक्तों ने कथा सुन, यज्ञ में आहुतियां प्रदान कर आरती प्रसाद पाया l
यज्ञ पूजा के समस्त कार्य विधि विधान से विद्वान पंडित सोनू शर्मा ने कराया l