अमेठी। अमेठी की चुनावी रणभूमि में जहां एक ओर बड़े राजनीतिक योद्धाओं को हार का सामना करना पड़ा। वही अपने छोटे भाई संजय गांधी के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत संभालने अमेठी आए राजीव गांधी को यहां की जनता ने हमेशा सिर माथे बिठाया और वह अमेठी की चुनावी रणभूमि के अजेय योद्धा बने रहे।
इस बीच प्रधानमंत्री बन राजीव गांधी ने देश व दुनिया में अमेठी का मान बढ़ाया। 1981 से लेकर लेकर निधन तक वह अमेठी के सांसद बने रहे। 1991 में 20 मई अमेठी में वोटिंग हुई और 21 मई को उनकी हत्या कर दी गई। इस चुनाव में भी राजीव गांधी करीब 54 फीसद मत मिले थे। जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंदी को मात्र 22 फीसद के करीब ही मत हासिल हो पाए थे।
अमेठी से अपने जीवन की राजनीतिक पारी शुरू करने वाले राजीव गांधी एक के बाद एक लगातार चार चुनाव जीत कर अपने जीवन के अंत समय तक अमेठी के साथ बने रहे।
अमेठी से लगातार चार चुनाव जीतने वाले इकलौते नेता राजीव गांधी
1967 में अमेठी संसदीय क्षेत्र का गठन हुआ। तब से लेकर अब तक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ही अमेठी संसदीय राजनीति में ऐसे नेता हैं। जिन्होंने एक के बाद एक लगातार चार चुनाव जीतकर इतिहास रचा। भाई संजय गांधी के निधन के बाद 1981 में हुए उप चुनाव में राजीव गांधी अमेठी आए।
इस चुनाव में राजीव गांधी को रिकार्ड 84.18 फीसद मत मिले। जबकि विपक्ष की ओर लोक दल के टिकट पर मैदान में उतरे शरद यादव को मात्र 6.89 फीसद वोट ही प्राप्त कर सके। राजीव गांधी 2,37696 मतों के भारी अंतर से जीते कर पहली बार संसद पहुंचे। इसके बाद आम चुनाव 1984, 1989 व 1991 में अपने प्रतिद्वंदी को हराकर बड़ी जीत दर्ज की।
1991 में मतदान के अगले दिन हुई राजीव गांधी की हत्या, एक लाख से अधिक मतों से जीते
आम चुनाव 1991 में कांग्रेस के राजीव गांधी व भाजपा के रवींद्र प्रताप सिंह के बीच मुकाबला हुआ। 20 मई को मतदान हुआ और 21 मई को राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की लिट्टे की एक आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी। मतगणना में मतों की गिनती हुई तो राजीव गांधी को 53.23 फीसद व भाजपा के रवींद्र प्रताप सिंह को 21.35 फीसद मत प्राप्त हुए। दिवंगत राजीव गांधी एक लाख 12 हजार 85 मतों से विजयी हुए।
अमेठी के घर-घर में आज भी जीवित है राजीव की कहानी
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की अमेठी के घर-घर में उनसे जुड़ाव की कोई न कोई कहानी आज भी जीवित है। अमेठी की राजनीति में राजीव गांधी गांव-गांव लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय रहे। बुजुर्ग कांग्रेस नेता हनुमंत सिंह बताते हैं कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री रहते हुए भी अमेठी में लोगों से बिना किसी प्रोटोकाल के मिलते थे। उनका स्थान अमेठी की राजनीति में कोई नहीं ले सकता है।