गोवर्धन में पारंपरिक मुड़िया पूनो मेले के दौरान हुई बारिश ने बढाई श्रद्धालुओं की परेशानी

मथुरा। गोवर्धन में पारंपरिक मुड़िया पूनो मेले के दौरान हुई बारिश ने बहुत से तीर्थयात्रियों के अरमानों पर पानी फेर दिया, जिससे बमुश्किल एक करोड़ तीर्थ यात्री ही गोवर्धन महराज की सप्त कोसी परिक्रमा की कर सके। मेला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार इस बार एक करोड़ तीर्थयात्री ही मुड़िया पूनो मेले के दौरान गिर्राज महराज की परिक्रमा कर सके।

दानघाटी मन्दिर के सेवायत विष्णु पंडित के अनुसार तीर्थ यात्रियों की संख्या 95 लाख और एक करोड़ के बीच थी। जबकि एसएसपी शैलेष कुमार पाण्डे के अनुसार एक करोड़ से अधिक ने गिर्राज परिक्रमा दी तथा शनिवार और रविवार को तो भीड़ का रिकॉर्ड टूट गया। बता दें, शैलेष कुमार पाण्डे का एक दशक पहले एसपी देहात के रूप में मुड़िया पूनो मेला सम्पन्न कराने का अनुभव भी रहा है।

सूत्रों के अनुसार दो तरह के लोग गोवर्धन महराज की परिक्रमा करने के लिए आते हैं। धार्मिकता के रंग में सराबोर लोग मौसम की परवाह किए बिना मेले में परिक्रमा के लिए आ जाते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मुड़िया पूनो मेले के दौरान परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं दूसरी ओर वे लोग हैं जो मौसम अनुकूल होने पर ही परिक्रमा करने के लिए आते हैं।
इस बार मौसम सही न होने के कारण दूसरी प्रकार के आस पास के जिलों के लोग परिक्रमा करने नहीं आ सके, अन्यथा तीर्थयात्रियों की संख्या सवा करोड़ से अधिक पहुंच सकती थी। परंपरागत तरीके से मेले का समापन रविवार की शाम को ही हो गया था जबकि सिर मुड़ाए सनातन गोस्वामी के शिष्यों ने गाजे बाजे के साथ पतित पावनी मानसी गंगा की परिक्रमा की। इसे मुड़िया का निकलना कहा जाता है।

वैसे जब मुड़िया निकलने के बाद शनिवार या रविवार आता है तो तीर्थयात्री अपनी परिक्रमा जारी रखते हैं। इस बार रविवार पड़ने के कारण पूरा परिक्रमा मार्ग न टूटने वाली माला की लड़ी बना हुआ था। कई वर्षों के बाद इस बार मेले के दौरान डूबने, वाहनों के लड़ने या पलटने जैसी कोई घटना नहीं घटी। मन्दिरों में भारी संख्या में सादा वर्दी में पुलिस लगाने के कारण जेबकतरी, जंजीर खीचने या मोबाइल पर हाथ साफ करने की घटना नही घटी।

इतना जरूर है कि परिक्रमा मार्ग के दोनो ओर गंदगी का ऐसा सम्राज्य फैल गया कि इसे साफ कराने में नगर पंचायत गोवर्धन को चार पांच दिन लगेंगे। यह बात दीगर है कि इस बार मेले में करोड़ों की बिक्री हुई। बिक्री बढ़ने का सीधा लाभ छोटे और बड़े दुकानदारों को मिला।कुल मिलाकर यह मेला सभी के लिए यादगार बन गया।

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