तालकटोरा स्टेडियम में राहुल गांधी के संबोधन के दौरान चली गई लाइट, राहुल गांधी बोले- जितनी मर्जी कोशिश कर लें, लेकिन मुझे जो बोलना होगा वो बोलूंगा

नई दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में स्थित संसद में संविधान दिवस का आयोजन किया गया. इस मौके पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी जी ने संविधान की इस किताब को पढ़ा होता तो वो रोज जो करते हैं उसे वैसा नहीं करते. इसको किताब का फॉर्म दे रखा है, मगर ये महज किताब नहीं है, हिंदुस्तान की 21 वीं सदी में सोशल एंपावरमेंट की सोच इसी संविधान के अंदर है

इसमें अंबेडकर, फुले, विवेकानंद, बुद्ध आदि जैसे महान विचारकों की सोच आपको मिलेगी उन्होंने कहा कि क्या इसमें लिखा है क्या कि किसी के साथ हिंसा करनी चाहिए? क्या किसी को डराने ये हिंदुस्तान का सत्य है और अहिंसा का रास्ता दिखाती है कुछ दिनो पहले तेलंगाना में कास्ट सेंसेस का काम शुरू किया. पहली बार कास्ट सेंसेस को जनता की एक्सरसाइज बना दिया. इसमें लाखों दलित पिछड़े सभी वर्गों के लोग शामिल हुए आने वाले समय में जहां भी हमारी सरकार आएगी वहां पर हम जाति जनगणना कराएंगे

जाति जनगणना क्यों?
अगर हिंदुस्तान में 15 प्रतिशत दलित, 8 प्रतिशत आदिवासी, 10 प्रतिशत अल्पसंख्यक से जुड़ी जनसंख्या है. लेकिन पिछड़े वर्ग के कितने लोग इसमें शामिल हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग 50 प्रतिशत तक हो सकता है. उन्होंने कहा कि सभी को जोड़ लें तो 90 प्रतिशत जनसंख्या इन्हीं वर्गों से आती है

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