चार हत्याओं का आरोपित राघवेन्द्र अभी भी चल रहा फरार, पुलिस कर रही तलाश

गोरखपुर। झंगहा थाने का ढाई लाख रुपये का इनामी और दारोगा समेत चार हत्याओं का आरोपित मोस्ट वांटेड राघवेंद्र यादव के साथियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोवर कोर्ट से बरी हुए साथियों के विरुद्ध 10 अक्टूबर 2023 को पीड़ित पक्ष से राममिलन ने हाईकोर्ट में अपील की थी। जिसमें अपील स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने लोवर कोर्ट के आदेश से जुड़े सभी पत्रावली को तलब करते हुए आरोपित पक्ष को नोटिस जारी किया है।

पत्रावलियों का निरीक्षण करने के बाद हाईकोर्ट की तरफ से इसमें आगे का निर्णय सामने आएगा। हालांकि बरी हुए राघवेंद्र के साथियों में रामलखन की 14 अप्रैल 2024 को मौत हो चुकी है।

झंगहा थाना क्षेत्र के सुगहा निवासी एक ही परिवार के चार लोगों की दो बार वर्ष 2016 और वर्ष 2018 में हत्या हुई थी। पहले चाचा-भतीजे की हत्या हुई थी। इसके दो वर्ष बाद उस हत्या की तारीख से लौट रहे पिता-पुत्र की गांव के बाहर सिवान में हत्या हो गई थी। हत्या का आरोप गांव के राघवेन्द्र यादव और उसके साथियों पर था।

मुख्य आरोपित राघवेन्द्र यादव करीब आठ साल से फरार है। यूपी पुलिस ने उसके ऊपर ढाई लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है। जबकि राघवेन्द्र के अलावा हत्याकांड में आरोपित बनाए गए अन्य लोगों को वर्ष 2018 में पिता-पुत्र की हत्या में कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सितम्बर 2023 में बरी कर दिया है। उसी के विरुद्ध पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट में अपील की थी।

छह जनवरी 2016 को हुई थी चाचा-भतीजे की हत्या

छह जनवरी, 2016 को बलवंत यादव और उसके भतीजा कौशल यादव की सरेआम हत्या हुई थी। कौशल के भाई नागेंद्र यादव की तहरीर पर पुलिस ने राघवेन्द्र यादव, रामलखन, बसंतलाल यादव, जयगोविंद उर्फ पन्ने, पप्पू यादव सहित अन्य पर मुकदमा अपराध संख्या 07/2016 में धारा 147, 148, 149, 302, 120 बी के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में सभी आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल की गई और अभी इस केस का ट्रायल चल रहा है।

10 अप्रैल 2018 को पिता-पुत्र की हुई थी हत्या

चाचा-भतीजे की हत्या की तारीख से कचहरी से लौटते समय 10, अप्रैल, 2018 को सेवानिवृत्त दारोगा जयहिंद यादव व उनके पुत्र नागेंद्र यादव उर्फ नाहर की गोबडौर से आगे सिवान में घेरकर बदमाशों ने हत्या कर दी थी। जयहिंद के बेटे राममिलन की तहरीर पर मुकदमा संख्या 85/18 में बसंतलाल यादव, रामदरस, सुदर्शन, रामलखन, शर्मा, राघवेन्द्र यादव, रामसजन, संतोष, रमाकांत के विरुद्ध धारा 147, 148, 149, 506, 302, 34, 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था। इस मामले में कोर्ट ने राघवेन्द्र के अतिरिक्त अन्य आरोपितों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।

पुलिस की पकड़ से दूर है राघवेंद्र

एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर फरार चल रहे राघवेन्द्र यादव अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। डीजीपी कार्यालय से इस पर ढाई लाख रुपये का इनाम रखा गया है। इसके बाद भी आठ वर्ष से पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही है।

इसके मामले में पहले पुलिस का कहना था कि यह नेपाल में छीपा है लेकिन अब पुलिस के पास उसका काई लोकेशन नहीं है। वहीं राघवेन्द्र द्वारा पीड़ित परिवार के अन्य लोगों की हत्या की धमकी दी गई है। जिससे आठ वर्ष से जयहिंद के परिवार के घर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी है। साथ ही हत्या के बाद से ही गोबडौर में पुलिस चौकी भी बनाया गया है।

घटनाक्रम

  • 27 सितम्बर 2023 को वर्ष 2018 वाले हत्याकांड में बसंतलाल, सुदर्शन, रामलखन, रामदरश,रामसजन, रमाकांत, और संतोष शर्मा बरी हो गए हैं।
  • अपील स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने लोवर कोर्ट की पत्रावली तबल करने के साथ नोटिस जारी किया।
  • दोनों हत्याओं में आरोपित बसंतलाल के भतीजे रामलखन की 14 अप्रैल 2024 को मौत हो चुकी है।
  • 10 अक्टूबर 2023 को पीड़ित पक्ष फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपिल दाखिल किया था।

पीड़ित पक्ष राममिलन यादव ने कहा कि 27 सितंबर को डबल मर्डर में आरोपितों के बरी होने पर 10 अक्टूबर 2023 को हाईकोर्ट में अपील की गई थी। कोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए नोटिस भेजा था। जिसे थाने में तामिल कराकर कोर्ट को भेज दिया गया है।

एसपी उत्तरी जितेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से भेजे गये नोटिस का संज्ञान लिया जाएगा। उनके द्वारा जो भी जबाब मांगा गया होगा, उसकी रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट को भेजी जाएगी।

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