मरीजों से अभद्रता करने के पीेछे डाक्टर का क्या हो सकता है कारण
हर कार्य डा. अनुपम मिश्रा करेगे तो डा. शेखर का अस्पताल मे क्या काम?
सीतापुर। जिला अस्पताल के फिजिशियन रवि शेखर स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार पटरी से उतारने का प्रयास कर रहे है। आखिर फिजिशियन रवि शेखर अपना सारा भारी धीरे धीरे दूसरे फिजिशियन अनुपम मिश्रा पर क्यो डाल रहे है जबकि डा. अनुपम पहले से ही ओवर लोड चल रहे है। मरीजों से अभद्रता से बात करना तो डा. शेखर की पुरानी आतद हो चुकी है। मरीजों का उपचार करने के बजाय वह मरीजों को डा. अनुपम मिश्रा के पास भेजा करते है। जिससे डा. अनुपम मिश्रा का लोड और अधिक बढ़ रहा है डा. अनुपम मिश्रा पहले से ही ओवर लोड चल रहे है ऊपर से डा. शेखर की कार्यशैली मरीजो के लिये परेशानी का सबब बनती जा रही है। अब सवाल यह उठता है कि फिजिशियन के पद पर तैनात डा. शेखर को मरीजो का उपचार करने के लिये तैनात किया गया है लेकिन श्री शेखर की अभद्रभाषा के चलते कोई भी मरीज डा. शेखर से अपना उपचार करवाना नही चाहता है। इससे बड़ी बात तो यह है कि जब श्री शेखर ईएमओ के पद पर तैनात होते है तो उस दिन इमरजन्सी की सारी सेवाएं बाधित हो जाती है। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। जब जानकारों का कहना है कि डाक्टर की वाणी में ऐसी मधुरता होनी चाहिए कि मरीज से बात करते करते मरीज का आधा दर्ज दूर हो जाये रोता हुआ आया मरीज हंसता हुआ जाये लेकिन जब मरीज रवि शेखर के पास आता है तो वह हंसता हुआ नही बल्कि गम का गुबार लेकर जाता है। इस सम्बन्ध में जब जिला अस्पताल के सीएमएस से बात की गई तो उन्होने बताया कि इस तरह की शिकायत अभी हमारे पास नही आई है अगर आयेगी तो उस गौर किया जायेगा जाचं करवाकर कार्यवाही होगी।