नाबालिग से दुष्कर्म करने की मिल गई सजा, टूटी अकड़, झुकी नज़र…

सोनभद्र। पहले ग्राम प्रधान पति, बीडीसी सदस्य और फिर विधायक चुने जाने के बाद रामदुलार गोंड का रुतबा बढ़ गया था। राजनीति में एक के बाद एक सफलता की सीढ़ी चढ़ते रामदुलार को अपने बढ़ते कद और पद पर बड़ा नाज था। सिर उठाकर चलने वाले रामदुलार को सिर शुक्रवार को झुक गया था। सजा सुनाए जाने के बाद उसकी शोहरत ढह गई।

इससे पहले कोर्ट रूम में लाए जाने के दौरान भी उसके चेहरे पर बेचैनी साफ झलक रही थी। वह बार-बार अपने चश्मे को उतारता, उसे पोंछता और फिर पहनता रहा। दोपहर में लंच के बाद करीब दो बजे कोर्ट रूम में जज के फैसला सुनाते ही रामदुलार को चेहरा लटक गया।

उसकी आंखों में आंसू आ गए। किसी तरह उसे काबू करते हुए वह कोर्ट रूम से बाहर आया और तेज कदमों के साथ पुलिस के वाहन में सवार हो गया। इस दौरान उसका चेहरा झुका रहा। वह किसी से भी नजरें मिलाने से बचता रहा। फैसले पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।

कब-कब क्या हुआ
04 नवंबर 2014 को रामदुलार गोंड पर दर्ज हुआ पाक्सो व दुष्कर्म का केस।
12 दिसंबर 2023 को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया।
15 दिसंबर 2024 को 25 साल की सजा और दस लाख रुपये जुर्माने की सजा।

बोले पिता: नौ साल बाद मिला सुकूल
विधायक को सजा सुनाने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि नौ साल बाद उन्हें सुकून मिला है। घटना के बाद से पूरा परिवार सदमे में था। आरोपी की ओर से कभी धमकियां मिलती तो कभी पैसे का लालच देकर सुलह का दबाव बनाया जाता। मुकदमा खत्म कराने के लिए आरोपी किसी भी स्तर तक जाने पर उतारु था। नौ साल तक चली सुनवाई के दौरान कई बार लगा कि अब टूट जाएंगे। प्रभावशाली लोगों के सामने वह जीत नहीं पाएंगे, मगर भगवान पर भरोसा कायम था। बेटा हिम्मत बंधाता रहा। वकीलों ने न्याय मिलने का भरोसा दिया था। बेटी भी कहती रही कि जो बुरा होना था, वह हो चुका। अब दोषी को सजा दिलाए बिना नहीं रहना है, ताकि किसी दूसरे के साथ ऐसा कुछ न हो।

विधायक पत्नी ने बेटे को फंसाने की साजिश
उधर, विधायक की पत्नी पूर्व प्रधान सुरतन देवी ने कहा कि उसका पुत्र बाहर पढ़ता है। इस मामले से कोई लेना देना नहीं है। राजनीतिक साजिश की वजह से बेटे को भी फंसाने का प्रयास चल रहा है।

धमकी की जांच करने पहुंची पुलिस, नहीं मिला कोई सुराग
दुद्धी विधायक रामदुलार गोंड के पुत्र की ओर से धमकी के मामले में जांच के लिए पुलिस शिकायतकर्ता के घर पहुंची। शिकायतकर्ता समेत ग्रामीणों से भी बयान लिया, लेकिन कोई ठोस सुराग न मिलने से लौट गई। जांच अभी जारी है।

इससे पूर्व दुष्कर्म के मुकदमे में जेल की सजा काट रहे दुद्धी विधायक के पुत्र पर धमकाने का आरोप लगाया गया था। पीड़िता के भाई ने यह शिकायत की थी कि विधायक के पुत्र की ओर से उसे सबक सिखाने की धमकी दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू की।

पीड़िता के भाई के घर जाकर पुलिस कर्मियों ने परिजनों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि पीड़ित के परिवार वालों ने किसी भी तरह की धमकी घर पर आकर न देने की बात बताई। ग्रामीणों ने भी इस तरह की कोई धमकी सार्वजनिक रूप से नहीं देने की बात कही।

शिकायतकर्ता के परिजनों ने यह जरूर बताया कि विधायक पुत्र राबर्ट्सगंज में ही किसी से धमकी भरे लहजे में बात कर रहा था। उन्हें यह पता चला था, जिसके आधार पर उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के मुताबिक, मामले में किसी भी तरह का धमकी देने का मामला सामने नहीं आया।

भाजपा विधायक को 25 साल की सजा, दस लाख जुर्माना
नाबालिग से दुष्कर्म में सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रामदुलार गोंड को 25 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही दस लाख रुपये जुर्माना लगाया गया। जुर्माना न देने पर दोषी विधायक को तीन वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसी तरह दुष्कर्म पीड़िता को धमकाने के मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई गई। पांच हजार रुपये जुर्माना ठोंका गया है। जुर्माना न देने पर छह महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है। जुर्माने की पूरी राशि दुष्कर्म पीड़िता को दी जाएगी। अदालत के आदेश के बाद रामदुलार गोंड की विधानसभा की सदस्यता जानी तय है।

नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
नवंबर 2014 में म्योरपुर थाने में नाबालिग से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें रामदुलार गोंड को मुख्य आरोपी बनाया गया था। 2022 के विधानसभा चुनाव में रामदुलार को भाजपा से टिकट मिला और वह जीत गया, फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म मामले की सुनवाई एमएपी-एमएलए कोर्ट में शुरू हुई।

एमपी-एमएलए कोर्ट के प्रभारी और अपर जिला जज एहसानुल्लाह खां ने मामले की सुनवाई करते हुए गत 12 दिसंबर को रामदुलार गोंड को दोषी करार दिया था। साथ ही न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। अदालत ने आदेश के लिए शुक्रवार की तिथि तय की थी। शुक्रवार की दोपहर एक बजे मामले की सुनवाई हुई और अदालत ने कुछ देर में आदेश सुना दिया। जब आदेश सुनाया गया, तब दोषी विधायक को जेल से अदालत लाया गया था।

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