बरेली के जनसेवा केंद्रों पर बनाए जा रहे थे फर्जी पैन और आयुष्मान कार्ड, पकड़े गए आरोपित

बरेली। पहचान प्रमाणित करने वाला आधार कार्ड भी फर्जी बनाया जा रहा। मिलिट्री इंटेलीजेंस से मिले इनपुट के आधार पर सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव सादा कपड़ों में फरीदपुर के जनसेवा केंद्र पहुंचे तो फर्जीवाड़ा की परतें उधड़ गईं। उन्होंने प्राइवेट नौकरी के लिए आधार कार्ड की जरूरत बताई तो केंद्र संचालक अवनीश यादव व साजिद ने हामी भर दी।

500 रुपये में बात तय होने के 15 मिनट में दोनों ने फर्जी आधार कार्ड बनाकर सौंप दिया। इसी तरह बिथरी चैनपुर में भी फर्जीवाड़ा करते समय सुशील, बबलू कश्यप व अनुज बजाज को पकड़ा। सभी के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, प्रयोग करने, आधार कार्ड अधिनियम की धारा में प्राथमिकी लिखकर जेल भेजा गया।

सीओ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि जनसेवा केंद्रों पर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र बनाए जाने की सूचना मिली थी। आरोपितों को पकड़ने के लिए शनिवार दोपहर फरीदपुर पहुंचे। वहां साजिद व अवनीश मिला। दोनों ने आधार कार्ड बनाने के लिए पहचान या निवासी संबंधित कोई प्रपत्र या प्रमाण नहीं मांगा। उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

इसके अलावा, दूसरी टीम बिथरी चैनपुर में जनसेवा केंद्र संचालित करने वाले सुशील, बबलू कश्यप व अनुज बजाज के पास पहुंची। वहां भी कुछ लोगों ने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाए जाने की पुष्टि की। इन सभी आरोपितों से लैपटाप, प्रिंटर, कैमरा, टैबलेट, 555 आधार कार्ड की फोटो कापी, 57 आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड, मोहर, चार आयुष्मान कार्ड, आठ बैंक पासबुक व अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।

डिजिटल फास्ट प्रिंट व फोटोशॉप का करते थे उपयोग
सीओ के अनुसार, आरोपितों ने स्वीकारा कि फर्जीवाड़ा करने के लिए डिजिटल फास्ट प्रिंट व फोटोशॉप का उपयोग करते थे। दर्जनों ग्रामीणों के असली प्रपत्रों की फोटो कापी भी रख ली थीं। फर्जीवाड़ा के लिए असली व्यक्ति के नाम-पते में परिवर्तन कर देते थे। दोनों स्थानों पर आरोपित लंबे समय से फर्जीवाड़ा कर मोटी कमाई कर चुके थे। मौके से ही एक लाख 26 हजार रुपये भी बरामद किए गए। एक प्रपत्र के लिए आरोपित दो सौ से एक हजार रुपये तक वसूलते थे।

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