भारत माता मंदिर तोड़ने पर सपा ने किया विरोध प्रदर्शन

वाराणसी। रोहनिया क्षेत्र में स्थित महात्मा गांधी चबूतरा, भारत माता मंदिर को सडक चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ देने से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मैदागिन स्थित टाउनहाल में मौन धरना दिया। समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांध कर मौन प्रदर्शन किया। बताते चले मोहनसराय लहरतारा सिक्स लेन सड़क चौड़ीकरण में बाधक बने रहे भारत माता मंदिर को पीडब्ल्यू डी विभाग ने जेसीबी लगाकर तोड़ दिया। इसे गांधी चबूतरा के नाम से भी जाना जाता था। विभाग और कार्यदाई संस्था के अफसरों ने रोहनिया व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से बातचीत कर भरोसा दिया कि सड़क चौड़ीकरण हो जाने के बाद परमानंदपुर मार्ग के तिराहे पर गांधी स्मारक स्थापित किया जाएगा।

गांधी चबूतरा तोड़े जाने पर विरोधी दल प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साध रहे है। आरोप है कि रोहनिया में 55 साल पुराने, 1968 में बने गांधी चबूतरा और भारत माता मंदिर को तोड़ दिया गया । समाजवादी पार्टी ने कहा कि आधुनिकता के नाम पर कब तक विरासत को जमींदोज करेगी सरकार?। इसको लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स के जरिए सरकार पर निशाना साधा।

अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा-“काशी के प्रतीक चिन्हों को विकास के नाम पर तोड़कर भाजपा सरकार क्या वाराणसी की विरासत को ही खंडित कर देना चाहती है। अब रोहनिया में 55 साल पहले 1968 में बने गांधी चबूतरा व भारत माता मंदिर को चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ दिया गया है। अगर ‘क्योटो’ इतिहास की धरोहर को धूल में मिलाकर बनना है तो परंपरा प्रेमी काशीवासियों के बीच इसके लिए एक सार्वजनिक जनमत करा लेना चाहिए’।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक्स पर लिखा वाराणसी के रोहनिया में 55 साल पहले 1968 में बने गांधी चबूतरा व भारत माता मंदिर को पीडब्ल्यूडी ने रोड चौड़ा करने के नाम पर तोड़ दिया। सड़क चौड़ीकरण और कथित विकास के नाम पर वाराणसी के प्रतीक चिन्हों को लगातार नष्ट किया जा रहा है। वाराणसी की धरोहरों से खिलवाड़ कब तक किया जाता रहेगा?। काशीवासियों के साथ प्रवासी जी का मजाक अब बंद होना चाहिए।

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