लखनऊ। पीजीआई में मंगलवार को चार सुविधाओं के उद्धाटन और तीन परियोजनाओं के शिलान्यास के मौके पर सीएम ने कहा, प्रदेशभर के लोग बीमार होने पर चाहते हैं कि यहां बेड मिल जाए, पर इसकी क्षमता कम होने से ऐसा संभव नहीं हो पाता। इसे देखते हुए संस्थान को पहली बार 1147 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा, हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इनकी आईसीयू में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी बड़ी चुनौती है। योगी आदित्यनाथ ने कहा, फिलहाल टेली आईसीयू से छह मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा गया है। आने वाले दिनों में सभी जिलों के मेडिकल कॉलेज इससे जोड़े जाएंगे।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक प्रो. आरके धीमन, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, डीन प्रो. शालीन कुमार, सीएमएस संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. वीके पालीवाल, नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. नारायण प्रसाद, अमेरिका के बाल हृदय शल्य चिकित्सक डॉ. वी मोहन रेड्डी थे।
पीजीआई से सभी को रहती है उम्मीद : पाठक
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, पीजीआई से सभी को उम्मीद रहती है। इसे देखते हुए सरकार यहां हर सुविधाएं देना चाहती है। बच्चों के लिए अभी तक कोई विशिष्ट केंद्र नहीं था। इसे देखते हुए एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना की गई है।
इनका किया गया शिलान्यास
एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर
500 करोड़ रुपये से तैयार एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में 575 बेड हैं। यहां एक छत के नीचे बच्चों को 22 विभागों की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा। देश में ऐसे चार ही केंद्र हैं।
सलोनी हार्ट सेंटर (द्वितीय चरण)
सलोनी हार्ट सेंटर का दूसरे चरण में 200 बेड की क्षमता तक विस्तार होगा। बच्चों के लिए दिल की बीमारी का यह सबसे बड़ा सेंटर होगा। देश में 75 हजार बच्चे दिल की बीमारी के साथ पैदा होते हैं, जिनमें से 15 हजार की ही सर्जरी हो पाती है।