प्रियंका गांधी आज से वायनाड उपचुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कर रही है. आज वो तीन बड़ी रैलियों को संबोधित करेंगी. प्रियंका गांधी ने 23 अक्टूबर को वायनाड से नामांकन दाखिल किया था राहुल के सासंद बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी इसलिए यहां उपचुनाव हो रहा है प्रियंका मीनांगडी, पनामाराम और पोझुथाना में जनसभाओं को संबोधित करेंगी
केरल की वायनाड सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे यहां मुख्य मुकाबला प्रियंका गांधी वाड्रा, नव्या हरिदास और सत्यन मोकेरी के बीच है वायनाड हमेशा से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा है राहुल गांधी यहां से जीतते रहे हैं यहां टक्कर हमेशा कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के बीच रहती है हालांकि, बीजेपी का भी वोट धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है इस बार के उपचुनाव के सभी की नजरें नतीजों पर टिकी हुई हैं
2019 में कांग्रेस की महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा था.उन्होंने खुद को अपने परिवार और पार्टी के प्रचार तक ही सीमित रखा इस बार वो अपने भाई की सीट यानी वायनाड पर किस्मत आजमा रही हैं. राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में वायनाड से जबरदस्त जीत हासिल की थी 2024 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें शानदार जीत मिली
प्रियंका पहली बार लड़ रही हैं चुनाव
2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से जीत हासिल की थी उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना और वायनाड छोड़ दी इसके बाद कांग्रेस ने राहुल की बहन प्रियंका गांधी को टिकट दिया प्रियंका पहली बार चुनाव लड़ रही हैं बीजेपी ने उनके खिलाफ नाव्या हरिदास को उतारा है
‘राहुल और वायनाड के रिश्ते को मजबूत करूंगी’
हाल ही में प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड के लोगों को पत्र लिखा था इसमें उन्होंने कहा था कि मैं, राहुल और वायनाड के रिश्ते को मजबूत करूंगी जन प्रतिनिधि के रूप में यह मेरी पहली यात्रा रहेगी, लेकिन फाइटर के रूप में यह मेरी पहली यात्रा नहीं होगी नामांकन से पहले प्रियंका ने कहा था कि जब वो 17 साल की थीं, तब उन्होंने पहली बार अपने पिता राजीव गांधी के 1989 में कैंपेन किया था. इसके बाद उन्होंने अपनी मां सोनिया और भाई राहुल के लिए वोट मांगें. इस बार खुद के लिए समर्थन मांग रही हैं